विश्वयुद्ध में वेश्याओं का इस्तेमाल सही था?
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हज़ारों महिलाओं को सैनिकों के आराम और मनोरंजन के लिए वेश्या बनने पर मजबूर किया गया था. ओसाका के मेयर तोरू हाशिमोतो ने कहा कि वेश्या बनने के लिए मजबूर की गई महिलाएं अपनी जान को जोखिम में डालने वाले सैनिकों को आराम का एक मौक़ा उपलब्ध कराती थीं.
उन्होंने स्वीकार किया कि इन महिलाओं को अपनी इच्छा के विरुद्ध यह काम करना पड़ा था. एक अनुमान के मुताबिक़ दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के कब्ज़े वाले इलाक़ों में क़रीब दो लाख महिलाओं को सैनिकों के लिए वेश्या बनने पर मजबूर किया गया.इनमें से बहुत सी महिलाएं चीन और दक्षिण कोरिया के साथ-साथ फिलीपींस, इंडोनेशिया और ताइवान से लाई गई थीं. युद्ध के दौरान पड़ोसियों के साथ जापान का यह व्यवहार कई बार तनाव का कारण बना है.
जापान अकेला देश नहीं
राष्ट्रवादी जापानी रेस्टोरेशन पार्टी के सह संस्थापक तोरू हाशिमोतो ओसाका मेयर बनने से पहले जापान के इतिहास के सबसे युवा गवर्नर माने जाते थे. पिछले साल तोरू हाशिमोतो ने एक बयान में कहा था कि जापान को तानाशाह की जरूरत है.
उनके ताज़ा बयान को जापानी मीडिया ने प्रमुखता से उठाया है. इस बयान में उन्होंने कहा है, ‘‘जब गोलियां बारिश की बूंदों और हवा की तरह तैर रही थीं, सैनिक अपनी जान हथेली पर रखकर इधर-उधर दौड़ रहे थे. तब इन स्थितियों में सैनिकों को थोड़ा आराम देने के लिए महिलाओं की यह व्यवस्था ज़रूरी थी.’’