मंकीपॉक्स के ग्लोबल खतरे के बीच देश में दूसरा केस सामने आ गया है। जिसमें व्यक्ति मंकीपॉक्स वायरस से इन्फेक्टेड है। ऐसे में आपको बेहद बचाव करने की जरूरत है क्योंकि ये वायरस बेहद खतरनाक है।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। मंकीपॉक्स को लेकर दुनिया की कई हेल्थ ऑर्गनाइजेशंस ने पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। मंकीपॉक्स का खतरा पूरी दुनिया में छाया हुआ है। ऐसे में भारत में भी इसका दूसरा मामला सामने आ गया है। दरअसल मंकीपॉक्स के वायरस से इन्फेक्टेड व्यक्ति दुबई से केरल लौटा था। जिसकी उम्र करीब 38 साल है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि उस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के वायरस की पुष्टि हुई है। इस वक्त मलप्पुरम में उसका इलाज चल रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले 9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स का पहला केस मिला था। जिसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले हैं। जिसकी वजह से उसे आइसोलेशन में रखा गया है।

केंद्र ने जारी की एडवाइजरी
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। केंद्र सरकार ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामले सामने न आएं। इसके लिए राज्यों को एक्शन लेना जरूरी है। इसके साथ ही सभी राज्यों को अपनी हेल्थ सर्विसेज भी चेक कर लेनी चाहिए। आपको बता दें कि WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी अनाउंस किया था। पिछले दो सालों में ये दूसरी बार है जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी अनाउंस की है।

क्या कोरोना की तरह ही खतरनाक है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स बीमारी परेशान करने वाली तो है लेकिन ये कोरोना की तुलना में कम तेजी से फैलती है। जिन लोगों को चेचक का इंजेक्शन लगा है या जिनको चेचक हो चुका है उन लोगों में इसके इन्फेक्शन का खतरा कम है। मंकीपॉक्स के ज्यादातर मरीज 2-4 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। मंकीपॉक्स और कोरोना का वायरस अलग-अलग है। इसके साथ ही इनके लक्षण भी अलग-अलग हैं।

कोरोना और मंकीपॉक्स में क्या है अंतर
कोरोना वायरस SARS-COV-2 की वजह से होता है। जबकि मंकीपॉक्स का वायरस Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपपॉक्स वायरस है। देखा जाए तो कोरोना का वायरस मंकीपॉक्स से ज्यादा खतरनाक है। इसके साथ ही कोरोना का वायरस फेफड़ों पर अटैक करता है जबकि मंकीपॉक्स की वजह से स्किन पर दाने हो जाते हैं। कोरोना से इन्फेक्टेड पर्सन में इसके लक्षण 14 दिनों में दिखते हैं। जबकि मंकीपॉक्स के लक्षण 21 दिनों में दिखना शुरू होते हैं। कोरोना से इन्फेक्टेड पपर्सन 4-5 दिनों में ठीक होने लगता है। जबकि मंकीपॉक्स से इन्फेक्टेड पर्सन को ठीक होने में 4-6 हफ्ते भी लग सकते हैं।

मंकीपॉक्स से ऐसे करें बचाव
मंकीपॉक्स से बचने के लिए अपने आस-पास साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। हाथों को टाइम-टू-टाइम धुलते रहें। इसके साथ ही इन्फेक्टेड पर्सन से दूर रहें। मास्क पहनें और इन्फेक्टेड होनें पर स्किन के दानों को ढक कर रखें। सबसे जरूरी बात ये है कि चूहों और बंदरों से दूर रहें।

Posted By: Shweta Mishra