मिश्र की एक स्‍थानीय अदालत ने पूर्व शासक मोहम्‍मद मोरसी को जेल तोड़ने के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. मिश्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब राष्‍ट्रपति पद पर रहे किसी व्‍यक्ति को फांसी दी जा रही हो.


मोरसी को मिली मौत की सजामिश्र के पूर्व शासक मोहम्मद मोरसी को 2011 में जेल तोड़ने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है. वर्ष 2011 में मोहम्मद मोरसी ने जेल तोड़कर 20000 से ज्यादा कैदियों को जेल से बाहर निकलने में मदद की थी. इन कैदियों ने जेल से भागने के साथ ही साथ जेल भवन को काफी नुकसान पहुंचाया. इसके अलावा वहां रखे हथियारों को भी लूट लिया था. अदालत ने मोरसी के साथ-साथ मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख समेत 105 नेताओं को मौत की सजा सुनाई है. फैसला सुनते ही वहीं मौजूद मोहम्मद मोरसी ने गुस्से में लाल-पीले होकर हवा में अपनी मुठ्ठी लहराई. सजाप्राप्त लोगों में इस्लामिक विद्वान यूसुफ अल करादवी भी शामिल है. करादवी आजकल कतर में रह रहे हैं. मुफ्ती सरकार करेगी फैसला
मिश्र की अदालत ने मोहम्मद मोरसी पर सजा सुनाने के बाद उसे मुफ्ती सरकार को भेज दिया है. मिश्र में अदालत के फैसले के बाद सरकार के सलाहकार मुफ्ती इस्लामिक कानून के मुताबिक सजा को डिफाइन करते हैं. ऐसे में अब मोरसी की जान मुफ्ती के फैसले में अटकी है. इसके अलावा मोहम्मद मोरसी पर कुछ अन्य मुकदमे भी लंबित हैं जिनपर फैसला आना बाकि है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra