भारत आकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने भारत को यूं तो ऐसे ही बहुत बड़ा तोहफा दिया है इसके इतर एक और बड़ा तोहफा जो ओबामा ने इंडिया को दिया वो है ये कि अब भारत और अमेरिका दोनों मिलकर दोनों देशों के बीच कारोबार को बढ़ायेंगे. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुशासन से लगभग सभी समस्‍याओं का हल निकलेगा. ऐसे में ओबामा ने भी कहा कि बाधाओं को दूर करने से बिजनेस में बढ़ोतरी होगी.

क्या हैं मोदी की तीन प्राथमिकतायें
बताते चलें कि सोमवार को दिल्ली के होटल ताज में भारत और अमेरिका बिजनेस समिट में दोनों देशों के प्रमुख मुख्य अतिथि रहे. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अमेरिका दोनों जगहों के बड़े उद्योगपतियों के बीच इस बात को कहा कि वो फाइनली इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ाना चाहते हैं. इस दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुये उनकी कुल तीन प्राथमिकतायें हैं 'स्किल, स्कोप और स्पीड'.
क्या कहा ओबामा ने
समिट के मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका और भारत दोनों देशों के बीच वो व्यापार को और भी ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं. बराक ओबामा ने कहा कि इसको लेकर वे एकदम सही दिशा में जा रहे हैं. मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो खुद इसके लिये आगे बढ़ेंगे और बड़े प्रोजेक्ट की निगरानी करेंगे. वहीं बराक ओबामा ने कहा कि विकास को मापने का सही रास्ता है जीडीपी.
ओबामा ने की बाधाओं को दूर करने की कोशिश
अब बात करें ओबामा के यात्रा की तो उनकी यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूक्लियर डील में आ रही हर तरह की बाधाओं को दूर करने की कोशिश की. वहीं दूसरे दिन उन्होंने उद्योग जगत से एक वादा भी किया. उन्होंने वादा किया कि अब आगे से बड़े प्रोजेक्ट की निगरानी की जिम्मेदारी वो खुद संभालेंगे. ऐसा इसलिये ताकि उद्योग जगत को व्यावहारिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े.  
 
पीएम मोदी ने दिलाया भरोसा
इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सारे बड़े प्रोजेक्ट की निगरानी पीएमओ की ओर से की जायेगी. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने अमेरिकी उद्योगपतियों को यह भरोसा भी दिलाया कि उन्हें भारत में निवेश के लिए उचित माहौल हर हाल में उपलब्ध कराया जायेगा. इसके साथ ही मोदी ने उद्योग जगत से इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि स्किल, स्कोप और स्पीड उनकी पहली तीन प्राथमिकताएं हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के इन एलानों का बराक ओबामा ने भी खुलकर स्वागत किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका का एक्जिम बैंक भारत में एक बिलियन डॉलर का निवेश करने वाला है. अमेरिकी व्यापार व निवेश एजेंसी रिनेब्यूल एनर्जी के नये प्रोजेक्ट के लिए दो बिलियन डॉलर उपलब्ध करायेगा.
अपार संभावनायें हैं दोनों देशों के बीच  
सिर्फ इतना ही नहीं भारत और अमेरिका के बीच व्यापार की अपार संभावनाओं का जिक्र छेड़ते हुए बराक ओबामा ने कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक संबध सही दिशा में बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी कई और क्षेत्र हैं जहां पर दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के उपायों को लेकर चार अरब डालर के निवेश की घोषणा की.
दूर करना है पुरानी ज्यादतियों को  
सिर्फ इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि उनकी सरकार ने कुछ ‘पुरानी ज्यादतियों’ को दूर किया है. उन्होंने यह भी कहा, 'अब हम बाकी अनिश्चितताओं को जल्द ही दूर करेंगे.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि वह खुद बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखेंगे और कहा कि किसी भी मुद्दे के समाधान के लिये वह हमेशा उपलब्ध होंगे.
सीईओ फोरम की दी जानकारी
मौके पर बराक ओबामा ने कहा कि दोनों देश आर्थिक संबंधों की असली संभावनाओं का दोहन करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने जोर दिया, 'हम अपने आर्थिक संबंधों की संभावनाओं का दोहन करने के लिए नयी गति, नयी उर्जा और नयी उम्मीदों के साथ शुरुआत कर सकते हैं.' इतना ही नहीं उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और अमेरिका सच्चे वैश्विक साझीदार हैं. उन्होंने कहा, 'हम साथ-साथ आगे बढ़कर साथ-साथ समृद्ध हो सकते हैं. कारोबार कैसे किया जाता है, इस संबंध में नए वैश्विक नियम गढ़ सकते हैं, जिससे न सिर्फ हमारे दोनों देशों को लाभ होगा, बल्कि दुनियाभर के लोगों को लाभ होगा.'
सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने फोरम में आये उद्योगपतियों से यह भी कहा, 'मैं हमेशा उपलब्ध हूं, मैं आपकी बात सुनूंगा.'
'हर बूंद ज्यादा फसल'
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा 'हर बूंद ज्यादा फसल.' उन्होंने कहा कि इस तरह की नीति को अपनाने से जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों  भी समाधान किया जा सकेगा और कृषि उपज बढ़ाने में भी भरपूर मदद मिलेगी. वहीं ओबामा ने कहा, 'पिछले कुछ सालों में हमारा व्यापार करीब 60 प्रतिशत बढ़ा है जो कि रिकॉर्ड 100 अरब डालर के करीब है. इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में नियामकीय और कर परिवेश में ‘निरंतरता’ और ‘सरलता’ की मांग उठायी और दोनों देशों के बीच व्यापार और व्यावसाय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े मुद्दों के समाधान पर भी पुरजोर जोर दिया. सोमवार को बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि भारत में ढांचागत क्षेत्र में सुधार की काफी गुंजाइश है. इसके अलावा सड़क नेटवर्क और ब्राडबैंड कनेक्टिविटी का विस्तार होने से देश में व्यावसायिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ने में मदद जाहिर तौर पर मिलेगी.
सीईओ से क्या कहा ओबामा ने  
यहां कुछ चुनिंदा सीईओ से ओबामा ने कहा, 'अमेरिकी कंपनियां भारत में नियमन और कर परिवेश में निरंतरता, स्पष्टता और सरलता लाने में काफी रुचि रखती हैं. अगर इस तरह का कुछ ऐसा होता है तो मेरा मानना है कि इससे भारत में व्यावसायिक गतिविधियों में काफी वृद्धि होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने जिन कई सुधारों की दिशा में पहल की है यह उन्हीं के अनुरूप है.'

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Posted By: Ruchi D Sharma