अब परमानेंट नोटबंदी की तैयारी, संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा FRDI बिल-2017
FRDI-2017 की तैयारी पूरीफाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल-2017 के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। पूरी उम्मीद है कि यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर दिया जाएगा। यह बिल मानसून सत्र में एक बार पेश किया जा चुका है। उस समय इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास सुझाव के लिए भेजा गया था। समिति के सुझावों को देखते हुए अब नया बिल इस सत्र में पेश करने की पूरी तैयारी है। सदन में एनडीए के बहुमत को देखते हुए बिल के पारित होकर कानून बनने की पूरी संभावना है। नये कानून को परमानेंट नोटबंदी जैसा असर होगा।
अभी तक जो कानून है उसके अनुसार कोई बैंक बीमार घोषित होता है तो सरकार अपने खजाने से बैंकों को बेलआउट पैकेज देती है। सरकार के पैसे ही बैंक दोबारा खड़ा होने की कोशिश करता है। लेकिन अब नये कानून में यह प्रावधान खत्म कर दिया जाएगा। अब बीमार बैंकों को बेलआउट पैकेज सरकार नहीं देगी बल्कि उन्हें बेलइन के सहारे खुद को दोबारा उठ खड़े होने की कोशिश करनी होगी। इसका मतलब यह हुआ है कि बैंक में जमा ग्राहकों के पैसे निकालने की सीमा तय कर दी जाएगी।