मिलिये दो ऐसे शौकिये भिखारियों से जो साइन्टिस्ट होते हुये भी सड़कों पर भीख मांग रहे हैं.

सड़क पर बैठे लिंडन ओवेन और खोसे मानुएल कालवो जब भीख मांगते हैं तो किसी प्रोफेशनल भिखारी की तरह ही दिखते हैं. वे अपने सामने चार डिब्बे रखते हैं और जिन पर लिखा रहता है "फार बिअर",  "फार वाइन", "फार व्हिस्की " और "फार कैट".


ग्रानाडा में उनकी मुलाकात 55 साल के खोसे मानुएल कालवो से हुई. कालवो टेनेरिफा में एक कंपनी में सोलर एनर्जी के स्पेशलिस्ट थे. वे खाली समय में कविता लिखते थे. कालवो कहते हैं कि वह खुश नहीं थे, “एक दिन मैं बीवी बच्चों को छोड़कर निकल पडा और स्पेन के एक शहर से दूसरे शहर तक पैदल घूमते रहा”.

बेघर नहीं घुमक्कड़ कहिये जनाब
खोसे और लिंडन का याराना अब काफी पुराना हो गया है. वे आठ साल से साथ में हैं. वे अपने आपको बेघर की बजाय घुमक्कड़ कहलाना ज्यादा पसन्द करते हैं. वे मानते हैं कि सड़क की जिंदगी आसान नहीं होती. खास कर जाड़ों के दौरान. लिंडन का कहते हैं "लेकिन घरों में कायदे की जिंदगी बिताने वालों के मुकाबले हम कहीं ज्यादा खुश हैं".
क्या है "फार व्हिस्की" और "फार कैट"

"फार व्हिस्की" और "फार कैट" का मतलब है कि उनके पास दो कुत्ते हैं, जिनके नाम व्हिस्की और बिल्ली हैं. वे उनके लिये खाने का बन्दोबस्त करते हैं. उनके पास दो और डिब्बे भी हैं, जिन पर लिखा है "फार गांजा" और "फार अदर सिन्स". लेकिन इन्हें वे सिर्फ रात में बच्चों के सो जाने के बाद ही बाहर निकालते हैं.

आलसी नहीं दिलखुश हैं हम
दोनों मानते हैं कि वे आलसी नहीं है. उन्हे लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही दुनिया का सबसे बेहतरीन काम लगता है. सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक वे यही करते हैं

Posted By: Divyanshu Bhard