लड़कियों के खिलाफ होने वाले अपराध और उन्‍हें करप्‍ट करने के लिए मोबाइल फोन को जिम्मदार मानते हुए अलीगढ़ और गुजरात के मेहसाणा जिले की खाप पंचायतों ने कुंवारी लड़कियों के मोबाइल के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाने का तुगलकी फरमान सुनाया है।


माता पिता करेंगे 500 मीटर तक सड़क साफ
आगरा से 80 किलोमीटर दूर बसौली गांव के गौंडा ब्लाक का है जहां की खाप पंचायत ने फरमान जारी किया है कि 18 साल से अधिक उम्र की कुवांरी युवतियां मोबाइल फोन या किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रयोग नहीं करेगी। पंचायत ने अपने फरमान में ये भी कहा है कि अगर कोई युवती ऐसा करती हुई पाई गई तो उसके माता पिता को 500 मीटर तक सड़क की सफाई करनी होगी और उनपर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा। पंचायत के संरक्षक रामवीर सिंह ने कहा कि लड़कियां मोबाइल फोन के इस्तेमाल की वजह से जवान लड़कों के संपर्क में आती है जिससे आगे चलकर लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनके जमाने में ऐसी कोई समस्या नहीं आती थी लेकिन नई तकनीक ने उनके लिए समस्या पैदा कर दी है। पंचायत में ये भी तय किया गया कि पंचायत की कई टीमें लड़कियों के फोन रखने पर नजर रखेंगी।कैसे होगा प्रधानमंत्री का इंडिया डिजिटल


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां पूरी दुनिया के सामने 'डिजीटल इंडिया' का संकल्प पूरा करने में जुटे हैं, वहीं उन्हीं केगृह जिले में भी लड़कियों के मोबाइल रखने पर बैन लगाया गया है। मेहसाणा के सूराज गांव में खाप पंचायत की ओर से आदेश दिया गया है जिसके तहत लड़कियां मोबाइल नहीं रख सकेंगी। अगर किसी लड़की के पास मोबाइल फोन बरामद हुआ तो उस पर 2100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही इनफॉर्मर को इनाम के रूप में 200 दिए जाएंगे। पंचायत का कहना है कि लड़कियों को सेलफोन की क्या जरुरत है? इंटरनेट मिडिल क्लास लोगों के लिए टाइम और पैसे की बर्बादी है। लड़कियों को अपना समय पढ़ाई और दूसरे कामों में लगाना चाहिए। वैसे एक छूट भी है अगर कोई रिश्तेदार लड़की से बात करना चाहता है तो उसके माता-पिता लड़की को फोन दे सकते हैं। सूराज गांव में यह प्रतिबंध 12 फरवरी को लगाया गया था लेकिन अब इसके नॉर्थ गुजरात तक फैलने की संभावना है। वैसे ये मामले पहली बार सामने नहीं आये हैं। इससे पहले भी कई पंचायतें लड़कियों के मोबाइल फोन रखने और उनके आधुनिक कपड़े पहने पर रोक लगा चुकी है।

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Posted By: Molly Seth