इस पाकिस्तानी कप्तान ने धोनी की बराबरी की!
मिस्बाह की शानदार उपलब्धि
इन दिनों पाकिस्तान टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान मिस्बाह उल हक लगातार सकारात्मक बातों के लिए चर्चा में बने हुए हैं। कुछ दिन पहले एक फैन के इलाज के लिए फंड इकठ्ठा करने के चलते उन्हें प्रशंसा मिली थी। वहीं अब एक बार फिर उन्होंने एक बेहतरीन उपलब्धि हासिल की है। आइसीसी अवॉर्ड्स 2016 में उन्हें आइसीसी स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही वे पाकिस्तान के पहले ऐसे क्रिकेटर बन गए हैं जिन्हें ये अवॉर्ड मिला है। इससे पहले ये सम्मान 2011 में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को, 2012 में न्यूजीलैंड के कप्तान रहे डैनियल विटोरी को, 2013 में श्रीलंका के महेला जयवर्धने को और 2015 में न्यूजीलैंडके ब्रेडन मैक्युलम को ये पुरस्कार दिया जा चुका है।
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क्या है स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल प्रति वर्ष क्रिकेट के क्षेत्र में कुछ विशेष उपलब्धियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलने वाले देशों की क्रिकेट टीमों और उनके खिलाड़यों को पुरस्कृत और सममानित करती है। उसमें से क्रिकेट में खेल भावना का सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन करने वाले खिलाड़ी को स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड दिया जाता है। इस साल यही पुरस्कार मिस्बाह को मिला है। वे इस पुरस्कार को पाने वाले अब तक के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी हैं।
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खुश हैं मिस्बाह
इस अवॉर्ड को जीत कर मिस्बाह काफी खुश हैं। उन्होंने कहा है कि वे बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। पहले पाकिस्तान टीम आइसीसी में नंबर एक बनी और फिर ये सम्मान ये उनके लिए बड़ी उपलब्धियां हैं। उन्होंने अपने संदेश में ये भी कहा कि इस पुरस्कार के बाद ये साबित हो गया है कि खेल का उम्र से कोई लेना देना नहीं होता है। अगर आप फिट हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं तो उम्र महज एक गिनती बनकर रह जाती है। मिस्बाह ने पाकिस्तान टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी टीम ने हमेशा सकारात्मक खेल खेला और यही कोशिश करती रही कि वे विरोधी टीम को चुनौती भी दें और फैंस का मनोरंजन भी करें। आइसीसी ने इस बात को नोटिस किया ये बेहद खुशी की बात है।
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