Digital Bharat Summit 2023: अक्टूबर में होगा ग्लोबल इंडिया AI Summit, मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने की घोषणा
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इस पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार 25 अगस्त को कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
जागरण न्यू मीडिया द्वारा आयोजित डिजिटल भारत 2023 में MoS आईटी राजीव चंद्रशेखर ने यह बात कही। आपको बता दें कि JNM की इस सबमिट का उद्देश्य भारत में इंटरनेट इकोनॉमी की संभावना और चुतौनियों को समझना है। साथ ही इस सेक्टर के डेवपलमेंट के लिए क्या कदम उठाएं जाने हैं। इस कॉन्क्लेव में इंटरनेट इकोनॉमी से जुड़े कुछ अहम बिंदुओं पर विशेषज्ञों ने शुक्रवार को अपनी राय साझा की।केंद्रीय मंत्री ने साइबर सुरक्षा समेत कई मामलों पर की बात
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बात की और साइबर सुरक्षा, डेटा सुरक्षा बुनियादी ढांचे और कई अन्य से संबंधित सवालों को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने भारत की वर्तमान स्थिति और सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला और अक्टूबर में ग्लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन की भी घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने लैपटॉप और टैबलेट पर आयात प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के बारे में भी बताया।
बता दें कि इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने क्या बड़ी बातें कहीं
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना
- पिछले कुछ वर्षों में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की यात्रा
- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
- सेमीकॉन उद्योग
- लैपटॉप, टैबलेट आयात पर अंकुश पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री
राज्यसभा ने 9 अगस्त को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल को ध्वनि मत से पारित कर दिया था, जबकि लोकसभा ने इस विधेयक को सात अगस्त को पारित किया था। यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट द्वारा &निजता के अधिकार&य को मौलिक अधिकार घोषित करने के छह साल बाद आया है। इसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा व्यक्तियों के डेटा के दुरुपयोग को रोकने के प्रावधान हैं। DPDP पर बोलते हुए चन्द्रशेखर ने कहा
यह एक भविष्य के लिए तैयार विधेयक है। यह वास्तव में संसद के इतिहास में पहला विधेयक है, जिसमें सरकार कई बार विचार-विमर्श करने के बाद भी इसकी अनुमति नहीं ले रही है। यह विधेयक दुनिया के सभी देशों के लिए आदर्श बन जाएगा क्योंकि यह यह विधेयक नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कर रहा है, विकास के पहलू को आगे बढ़ा रहा है और उत्प्रेरक के लिए एक रोडमैप तैयार कर रहा है।
चन्द्रशेखर ने Digital Public Infrastructure पर कहा
यह वास्तव में सरकार और नागरिकों के बीच एक पुल है। पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, इसके पीछे मुख्य विचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इस पुल को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना था। दुनिया भर के अन्य सभी देश भी अब DPI सोच प्रौद्योगिकी को बहिष्करणीय बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का दृष्टिकोण ओपन सॉफ्टवेयर का उपयोग करना था और इसने 10 से अधिक देशों को इंडिया स्टैक यानी जनसंख्या पैमाने पर लागू सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के लिए आकर्षित किया है। हालांकि, यह अभी भी एक कम प्रसिद्ध तकनीक है।
साइबर सुरक्षा पर क्या कहा केंद्रीय मंत्री ने
अगर हम साइबर सुरक्षा के बारे में बात करते हैं, तो हमें एक वैश्विक सहमति बनानी होगी। इंटरनेट सुरक्षित और खुला होना चाहिए। साइबर सुरक्षा की एक अनूठी विशेषता है- साइबर अपराधों में पीड़ित एक अलग क्षेत्राधिकार में है, अपराधी एक अलग क्षेत्राधिकार में है और अपराध का स्थान एक अलग क्षेत्राधिकार है। इसके कारण तीन अलग-अलग राज्य पुलिस टीमों को एक मामले में शामिल करना पड़ता है।
चन्द्रशेखर ने इसके साथ ही घोषणा कर बताया कि भारत में इस वर्ष अक्टूबर में ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन नामक एक विशेष कृत्रिम बुद्धिमत्ता सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। एआई पर भारत की राय पर चर्चा करने के लिए सभी एआई विशेषज्ञों और अभ्यासकर्ताओं को आमंत्रित किया जाएगा और वे देश में एआई के भविष्य का रोडमैप साझा करेंगे।
लैपटॉप, टैबलेट आयात पर अंकुश लगाने पर क्या बोले चन्द्रशेखर
केंद्रीय मंत्री चन्द्रशेखर ने बताया, ''हम किसी भी चीज पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते हैं। हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि आने वाले डिजिटल युग में कंप्यूटर, टैबलेट, लैपटॉप की मांग बढ़ने वाली है और हम चाहते हैं कि ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एक विश्वसनीय स्रोत से आए।
उद्योग व्यवधान के दौर से गुजर रहा है और प्रौद्योगिकियों में यह बहुत आम है। 2021 में सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत की उपस्थिति लगभग शून्य थी, लेकिन अब भारत इस दिशा में लगन से काम कर रहा है और आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार के मामले में एक मजबूत देश होगा। हालांकि, सेमीकंडक्टर डिजिटलीकरण का प्राइमरी सेंटर है।