उत्तर कोरिया अलग-थलग और एक ग़रीब देश है लेकिन सैन्य ताकत में कमज़ोर नहीं। उत्तर कोरिया के नेताओं का एक लक्ष्य दिखता है वो है अपने अस्तित्व को बचाना।

इसके लिए उन्होंने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों में बड़ा निवेश किया है। बीबीसी संवाददाता जॉनथन मार्कस के मुताबिक ये उत्तर कोरिया के लिए जीवन बीमा की तरह है।

जॉनथन मार्कस के मुताबिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल उत्तर कोरिया की हुकूमत के लिए विनाशकारी साबित होगा, क्योंकि परमाणु हमले के बाद होने वाले युद्ध में उत्तर कोरिया का बचना मुश्किल होगा।

लेकिन उत्तर कोरिया सिर्फ़ परमाणु शक्ति के सहारे ही आंखें नहीं दिखाता। उत्तर कोरिया की फ़ौज दुनिया में सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है और पारंपरिक और ग़ैर-परमाणु सामरिक हथियारों का ज़खीरा भी उत्तर कोरिया की ताकत है।

और इतिहास में झांकें तो प्योंगयांग अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकता।

जोसेफ़ कहते हैं कि उत्तर कोरिया की सेना के बारे में बहुत सटीक अंदाज़ा लगाना मुश्किल है लेकिन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय की पत्रिका के मुताबिक 2016 के आंकड़े बताते हैं कि उसके पास क्या क्या है:

- क़रीब 4,300 टैंक

- 2,300 बख़्तरबंद गाड़ियां

- 8,600 तोपें

- 5,500 मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर

- 10 मल्टिपल 300 एमएम रॉकेट लॉन्चर

 

नौसेना और वायुसेना

दक्षिण कोरिया की सरकार का दावा है, " हाल ही में अतिरिक्त अड्डों पर जहाज़ तैनात करके उत्तर कोरिया ने न्यूनतम तैयारी में हमला बोलने की क्षमता हासिल कर ली है।"

कोरियाई प्रायद्वीप की नज़र दौड़ाने के लिए रडार के साथ कई वायु रक्षा यूनिट हैं।

- क़रीब 810 लड़ाकू हवाई जहाज़

- 30 निगरानी और नियंत्रण करने वाले हवाई जहाज़

- 330 मालवाहक हवाई जहाज़

- 170 ट्रेनिंग हवाई जहाज़

- 290 हेलिकॉप्टर

लेकिन जोसेफ़ डेंपसे कहते हैं कि उत्तर कोरिया के ज़्यादातर जहाज़ दो दशक से भी ज़्यादा पुराने हैं।

 

सामरिक हथियार

जॉनथन मार्कस का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास कई रासायनिक हथियार भी हैं। माना जाता है कि इनमें मस्टर्ड गैस, क्लोरीन, सारीन और अन्य नर्व एजेंट हैं।

माना जाता है कि उत्तर कोरिया के पास जैविक हथियार भी हैं। हालांकि 1987 में उत्तर कोरिया ने जैविक हथियार संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इस संधि के तहत जैविक हथियार बनाने, रखने पर प्रतिबंध है।

अमरीका आधारित काउंसिल ऑफ़ फ़ॉरेन रिलेशन्स की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख में कहा गया है कि साइबर हमले की भी काबिलियत उत्तर कोरिया के पास है, संभव है कि इसमें चीन और पूर्व यूएसएसआर ने मदद की है।


Posted By: Satyendra Kumar Singh