जब हिटलर की आत्मकथा से कॉपीराइट हटेगा..
क्या होगा जब जर्मन अधिकारी इस किताब के प्रकाशन और वितरण पर नियंत्रण नहीं रख पाएँगे.माइन काम्फ़ पर से कॉपीराइट खत्म होने का मतलब है कि जर्मनी में कोई भी इसे छाप सकेगा.क्या हो सकता असर, पढ़ें पूरा लेख
बवेरिया स्टेट ने सुनिश्चित किया कि जर्मनी में इस किताब का पुनर्प्रकाशन कुछ विशेष परिस्थितियों में ही हो सकेगा.
कैसे रुकेगा प्रकाशन?
बवेरिया स्टेट के शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय के प्रवक्ता लुटविच यंगर कहते हैं, “इसी किताब का नतीजा था कि लाखों लोग मारे गए, लाखों प्रताड़ित हुए, पूरा क्षेत्र युद्ध की चपेट में आ गया. इसे भी ध्यान में रखना होगा और आप ऐसा तब कर सकते हैं, जब आप किताब के कुछ हिस्सों को उचित ऐतिहासिक टिप्पणियों के साथ पढ़ें.”कॉपीराइट ख़त्म होने के बाद म्यूनिख का इस्टीट्यूट ऑफ़ कंटेम्परेरी हिस्ट्री टिप्पणियों के साथ इस किताब की नया संस्करण जारी करने वाला है. इसमें किताब के मूल अंशों के साथ नीचे फुटनोट में टीकाएं होंगी.मसलन अगर किताब में किसी जगह जब हिटलर अपनी बात रखते हैं तो साथ ही कमेंटरी होगी जिसमें यदि तथ्यों से कोई छेड़छाड़ हुई है या फिर उन्हें जानबूझकर छिपाया गया है तो उसका ज़िक्र होगा.