कई बुद्धजीवियों का ऐसा मानना है कि औरतों के हाथों में सिर्फ घर की बागडोर ही अच्‍छी लगती है। वहीं इससे भी आगे बढ़कर औरतों ने देश-दुनिया की बागडोर संभाल कर दिखाई। अब आप क्‍या इस बात को सोच सकते हैं कि अपने देश की बागडोर संभालने की क्षमता रखने वाली कोई औरत किसी देश को नेस्‍तेनाबूत करने की भी क्षमता रखती होगी। नहीं तो अब जरूर सोचिएगा क्‍योंकि इसका जीता जागता उदाहरण हैं भारत की 'मिसाइल वुमैन'। ये वो हैं जिन्‍होंने भारत की दो बड़ी मिसाइलों अग्‍नि V और अग्‍नि IV को डेवलप करने में अपना अहम योगदान दिया है। आइए बताएं आपको अपने देश की इस 'मिसाइन वुमैन' के बारे में।


मिलिए इनके पहले प्यार से
टेसी का ये प्यार उनके घर के पास ही रहता था। ये था रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन। ये वो रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन था जहां रॉकेट और मिसाइल से इनका प्यार शुरू हुआ। अपने इस प्यार को मुकाम तक पहुंचाने के लिए इन्होंने पुणे के इंस्टीट्यूट ऑफ अरमामेंट टेक्नोलॉजी से एमटेक की पढ़ाई पूरी की। इस इंस्टीट्यूट को अब डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के नाम से भी जानते हैं। यहां ये इन्होंने गाइडेड मिसाइल में एमटेक की पढ़ाई पूरी की थी।

ये हैं 'अग्नि मिसाइलें'
याद दिला दें कि हाल ही में भारत ने पहले 'अग्नि V' और फिर 'अग्नि IV' का सफल टेस्ट किया। दोनों ही मिसाइलों को इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम (आईसीबीएम) के तहत डेवलप किया गया है। 'अग्नि V' की रेंज 5,000 किमी से भी ज्यादा है। वहीं 'अग्नि IV' की रेंज 4,000 किमी से ज्यादा है। यह मिसाइल पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का ड्रीम प्रोजेक्ट हुआ करती थी। यहां बताना जरूरी होगा कि डॉक्टर कलाम की ही तरह ये 'मिसाइल वुमन' भी इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ी हुई हैं।
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'मिसाइल अग्नि V' का आया वक्त
उसके बाद वक्त आया 'मिसाइल अग्नि V' का। उस वक्त इनको बतौर प्रोजेक्ट डायरेक्टर इससे जोड़ा गया। अपने देश के लिए इतने बड़े प्रोग्राम से जुड़कर इन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया। यहां डॉक्टर टेसी ने सारी अग्नि मिसाइल के लिए हर गाइडेंस प्रोग्राम को खुद डिजाइन किया।  
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यहां मिला ये नाम
इनकी इसी तरह की मेहनत का नतीजा था कि 2012 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इनको महिला सशक्तिकरण का परफेक्ट उदाहरण बताया था। आपको बता दें कि 'मिसाइल वुमैन' के अलावा 'अग्नि मिसाइल' के डेवलपमेंट में अपना अहम योगदान देने के कारण इनको 'अग्नि पुत्री' के नाम से भी जाना जाता है।

मिला ये सम्मान
2012 में इनको लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार से नवाजा गया। इसके बाद 2014 में इन्हें वाई नयादम्मा से भी सम्मानित किया गया। अब आपको बताते हैं इनके परिवार के बारे में भी कुछ। इनके पति इंडियन नेवी में ऑफिसर हैं। इनका नाम है सरोज कुमार। इन दोनों का एक बेटा भी है। बेटे का नाम है तेजस। तेजस फोर्ड टेक्नोलॉजीज में इंजीनियर है।

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Posted By: Ruchi D Sharma