दुनिया भर के 25 देशों के चुनिंदा समलैंगिक इटली की राजधानी रोम में पिछले महीने मिले.


मौका था मिस्टर गे वर्ल्ड प्रतियोगिता का जहां अपनी सुंदरता, बुद्धिमता और सहजता का प्रदर्शन करके सबसे हसीन गे के ख़िताब पर कब्ज़ा करने की जद्दोजहद चलती है.2009 में शुरू हुई इस ख़ास प्रतियोगिता में सिर्फ पुरुष गे भाग लेते हैं.भारत के 24 वर्षीय सुशांत दिवगीकर ने भी इसमें हिस्सा लिया. उन्होंने ख़िताब तो नहीं जीता लेकिन चार अलग-अगल श्रेणियों में ज़रूर ईनाम जीता.लेकिन मिस्टर गे प्रतियोगिता में किस आधार पर होता है चयन?सुशांत दिवगीकर की ज़ुबानी:कैसे प्रतियोगिता में चुने गएमुझे इस प्रतियोगिता में सबसे लोकप्रिय गे पुरुष, मिस्टर आर्ट, मिस्टर स्पोर्ट्स और पीपल च्वाइस अवॉर्ड मिला.हम समलैंगिक अपने इंटरव्यू में फालतू के जवाब नहीं देते.जो हम कर नहीं सकते, हम वो बोलते ही नहीं. जैसे मिस वर्ल्ड में वो लड़कियां सिर्फ अमन और शांति की बातें कर, मेरे विचार में मूर्ख जवाब देती हैं.
हम सीधा अपने समलैंगिक समुदाय की बात करते हैं. हम अपने देश के समलैंगिकों के लिए क्या-क्या कर सकते हैं?बिग बॉस से प्रस्तावमेरे पास टीवी रियलिटी शो बिग बॉस में हिस्सा लेने का प्रस्ताव है.भारत सरकार को भी इस तरह की प्रतियोगिताओं को प्रोत्साहन देना चाहिए.


इससे मेरे जैसा शख़्स गर्व से कह सकेगा कि मैं भारतीय समलैंगिक हूं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh