हालांकि इस कैटेगरी की फिल्में बनाना सबसे ईजी काम लगता है लेकिन बॉलीवुड अच्छी और मजेदार रॉम-कॉम बनाने में काफी जद्दोजहद करता दिखाई पड़ रहा है.

तनु वेड्स मनु और अजब प्रेम की गजब कहानी को छोड़ दें तो हिंदी फिल्ममेकर्स का ‘लव, लाफ्टर और हैपिली एवर आफ्टर’ का फॉर्मूला बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखाता नजर नहीं आ रहा है. मेरे ब्रदर की दुल्हन रॉम-कॉम का एक और गड़बड़ अटेम्प्ट है.


लव (अली जाफर) का हाल ही में गर्लफ्रेंड पियाली से ब्रेकअप हुआ है और वह अपने भाई कुश (इमरान खान) की पसंद की एक लडक़ी से शादी करने का डिसीजन लेता है. कुश एक आइडियल वाइफ की तलाश में डिम्पल (कटरीना कैफ) से मिल जाता है. कैट से उसकी पुरानी जान-पहचान है.

26 साल की डिम्पल ने अपनी लाइफ में काफी एंज्वॉय किया है और अपने पैरेंट्स की मर्जी के लडक़े से शादी करने का मन बनाती है. सब कुछ ठीक चलता दिखाई देता है जब तक सबसे प्रिडिक्टिबल चीज नहीं हो जाती. डिम्पल और कुश को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है. और अब उन्हें इसका सॉल्यूशन ढूंढऩा है.

कहानी पेपर्स पर भले ही काफी अच्छी लग रही हो लेकिन फिल्म इतने माइंडलेस तरीके से बनी है कि कहीं-कहीं तो एकदम यकीन से परे हो जाती है. इमरान खान एक अच्छे लडक़े से लवर फिर एक मीन भाई बन जाते हैं. वह कुछ बेहतर हो सकते थे. कटरीना कैफ का रोल काफी अच्छा है और वह खूबसूरत लगती हैं लेकिन 10 मिनट बाद उनकी एक्टिंग बर्दाश्त से बाहर हो जाती है.


डायलॉग्स भी नॉनसेंस हैं. अली जाफर फिल्म में काफी बढिय़ा हैं. यहां तक कि बेवकूफी भरे डायलॉग्स और हैरतअंगेज सीन में भी अली जाफर अपनी परफेक्ट बॉडी लैंग्वेज से एक-दम अलग दिखाई दिए हैं. उन्होंने इस नॉनसेंस फिल्म में कुछ सेंस डालने की कोशिश की है. रिव्यू का आधा स्टार सिर्फ उनके लिए है.

Posted By: Garima Shukla