सदी का मुकाबला जीत कर अविजित रहे मेवेदर
38 साल के मेवेदर ने तीन जजों के स्कोर कार्ड के आधार पर अपना डब्ल्यूबीसी और डब्ल्यूबीए वेल्टरवेट खिताब बरकरार रखा और पैक्वे की डब्ल्यूबीओ बेल्ट भी अपने नाम कर ली. पैसों के लिहाज से मुक्केबाजी इतिहास का सबसे ज्यादा आकर्षक मुकाबला था. मेवेदर को मुकाबला जीतने के बाद 1147 करोड़ रुपये मिले. पैक्वे को हारने के बावजूद 764 करोड़ रुपये मिले. विजेता को 6.34 करोड़ रुपये की हीरों से जड़ी एक बेल्ट भी मिली. इस महाजंग पर 20 हजार करोड़ रुपये का सट्टा भी लगा हुआ था. इस मुकाबले में पैक्वे के शॉटर्स (ट्रंक्स) पर आधा दर्जन कंपनियों के लोगो लगे थे. इन लोगो वगैरह से पैक्वे ने 15.83 करोड़ रुपये की कमाई की.
जीते 48 में से 48 मुकाबले
मुकाबला देखने के लिए एमजीएम ग्रैंड में पहुंचे करीब 17,000 दर्शकों के सामने अमेरिकी मुक्केबाज ने करियर की लगातार 48वीं जीत दर्ज की. अजेय मुक्केबाज के नाम से ख्यात मेवेदर को दो जजों ने 116-112 से, जबकि तीसरे जज ने 118-110 से विजेता करार दिया. लेकिन परिणाम घोषित होते ही पैक्वे के समर्थक गुस्सा हो गए और उन्होंने हूटिंग शुरू कर दी. फिलीपींस के स्टार पैक्वे को अपने करियर में छठी बार हार का सामना करना पड़ा.
पैक्वे ने शुरू से आक्रामक तेवर अपनाए और उन्होंने पहले राउंड में मेवेदर की ठुड््डी पर करारे मुक्के जड़े. लेकिन वह अपनी इस तेजी को 12 राउंड के मुकाबले में बरकरार नहीं रख पाए. मेवेदर ने अपने लंबे कद का फायदा भी उठाया और वह काउंटरपंच लगाने में सफल रहे. मुकाबले के बाद इस बात का पता चला कि पैक्वे को मुकाबले से प्रशिक्षण के दौरान दायें कंधे में चोट लग गई थी. इसकी सूचना उन्होंने मुक्केबाजी आयुक्त को दे दी थी. नेवेदा के मुक्केबाजी आयुक्तने बाउट से पहले ड्रेसिंग रूम में पैक्वे को दर्द-निवारक इंजेक्शन लेने से मना कर दिया. इस कारण मुकाबले में वह दायें हाथ से प्रहार नहीं कर पा रहे थे. पैक्वे अगर यह मुकाबले जीतते, तो वह मेवेदर को हराने वाले दुनिया के पहले मुक्केबाज बन जाते. इस मुकाबले से दोनों की आय में अरबों रुपये का इजाफा हो गया है. मुकाबले को लेकर फैंस में जोरदार उत्साह था.
आठ करोड़ का मुक्का
मेवेदर और पैक्वे के मुकाबले के दौरान पैसों के साथ ही मुक्कों की भी बारिश हुई. जहां मेवेदर ने कुल 435 मुक्के बरसाए, वहीं पैक्वे ने कुल 429 मुक्के बरसाए. मुकाबले में कुल 229 मुक्के एक-दूसरे को मारे गए, जबकि दोनों के बीच 1911 करोड़ रुपये बंटे. इस लिहाज से एक मुक्का करीब आठ करोड़ रुपये का था. दोनों को मिली इनामी राशि के लिहाज से मेवेदर का एक मुक्का करीब साढ़े सात करोड़ और पैक्वे का एक मुक्का करीब चार करोड़ रुपये का था.