कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विदेशी खून बताना बसपा उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह को महंगा पड़ गया।

पार्टी से तुरंत छुट्टी भी हो गयी
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LUCKNOW : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विदेशी खून बताना बसपा उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह को महंगा पड़ गया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को दिए उनके इस बयान के बाद उन्हें उपाध्यक्ष समेत पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। साथ ही, पार्टी के सभी पदाधिकारियों को सख्त चेतावनी दी कि वह संभावित गठबंधन को लेकर कोई टिप्पणी न करें और यह काम पार्टी हाईकमान पर छोड़ दें। ध्यान रहे कि जेपी सिंह ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार होने पर उन्हें विदेशी खून बताया था। यह कार्यक्रम उपाध्यक्ष बनने पर उनके सम्मान में आयोजित किया गया था जिसमें बड़बोलेपन की वजह से उनकी पार्टी से तुरंत छुट्टी भी हो गयी।
चपार्टी की यह विचारधारा नहीं
मंगलवार को जारी अपने बयान में मायावती ने कहा, 'मुझे जय प्रकाश सिंह के भाषण के बारे में पता चला जिसमें उन्होंने बसपा की विचारधारा के खिलाफ बात की है। विरोधी पार्टियों के सर्वोच्च नेताओं पर व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी की जो बसपा की कल्चर के पूरी तरह खिलाफ है। इस किस्म की बातें उनकी व्यक्तिगत सोच की उपज है। इसलिए हाल में नए बने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह को इस पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। साथ ही राष्ट्रीय को-आर्डिनेटर के पद से मुक्त कर दिया है।' उन्होंने कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि पार्टी की सभी छोटी-बड़ी बैठकों व सभाओं में केवल अपने मूवमेंट के बारे में ही चर्चाएं करें, दूसरे वर्गों के महापुरुषों को लेकर अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल न करें। उप्र और अन्य राज्यों में जब तक चुनावी गठबंधन की घोषणा न हो तब तक इस बारे में बयानबाजी नहीं की जाए। किसी राष्ट्रीय नेता के व्यक्तिगत मामलों पर भी टीका टिप्पणी न करें।

ये बोले थे जेपी सिंह

जोनल कार्यकर्ता सम्मेलन में जयप्रकाश ने कहा था कि 'राहुल अगर अपने बाप पर चले जाते तो राजनीति में सफल हो सकते थे। राहुल अपनी मां पर गया, उसका खून विदेशी है। भारत की राजनीति में वो कभी सफल नहीं होगा। राजा अब रानी से पैदा नहीं होगा। अगला नेता पेट से नहीं पेटी (बैलट बॉक्स) से पैदा होगा।' उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी टिप्पणी करते हुए कहा था कि मंदिर में शक्ति होती तो योगी गोरखपुर का मंदिर छोड़कर मुख्यमंत्री न बनते। वहीं स्वामी चिन्मयानंद और उमा भारती का भी उदाहरण देते हुए कहा कि इन सभी धार्मिक लोगों ने अपना मठ छोड़कर आप लोगों को मंदिर की घंटी बजाने में लगा दिया। ध्यान रहे कि जेपी सिंह को मायावती के भाई आनंद कुमार का करीबी माना जाता है। उन्हें विगत 26 मई को ही पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था।

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Posted By: Shweta Mishra