नरेंद्र मोदी सरकार 84 सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए विशेष जांच दल एसआईटी का गठन कर सकती है. गृह मंत्रालय ने इस बात के संकेत दिए हैं कि केंद्र सरकार जांच के लिए एसआईटी बना सकती है.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले
यह एसआईटी उन 237 मामलों की जांच करेगी, जिन्हें पुलिस ने बंद कर दिए थे या फिर जो मामले अभी कोर्ट में आए ही नहीं. इस बारे में दिल्ली के चुनावों के बाद ऐलान किया जा सकता है. सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग लेकर मनजीत सिंह के साथ एसएडी नेताओं का एक दल आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिला. बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त जस्टिस माथुर समिति ने 1984 सिख विरोधी दंगों की फिर से जांच करने के लिए एसआईटी गठित करने की सिफारिश की है. समिति ने पिछले सप्ताह गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी है.

जांच फिर से कराई जाएगी
सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार जल्द फैसला लेने जा रही है कि जिन पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिल सका है, उनके मामलों की जांच फिर से कराई जाएगी. इसके लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा. इसके सदस्यों में कौन लोग होंगे, उसके बारे में गृह मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला रिटायर्ड जस्टिस जीपी माथुर की रिपोर्ट को आधार बनाकर लिया जाएगा. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी अपनी रैलियों में ऐलान कर चुके हैं कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई, तो वह इस मामले में एसआईटी का गठन करेंगे.

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Courtesy : Nai dunia

Posted By: Satyendra Kumar Singh