मैरीकॉम का बच्चों को खुला खत, 'मेरे उन अंगों को जबरदस्ती छुआ जाता था'
प्यारे बच्चों,
'आज हम रेप की बात करते हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले सेक्सुअल क्राइम से जुड़ी उन बातों का जिक्र करेंगे। जो एक महिला रोजाना सहन करती है। तुम मेरे बच्चे हो, अभी तुम्हारी उम्र 9 साल और 3 साल है, लेकिन यह उम्र का वो पड़ाव है जहां तुम्हें समझ जाना चाहिए कि हमें समाज में महिलाओं के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए।
तुम्हारी मां भी छेड़छाड़ का शिकार हुई है। पहले मणिपुर फिर दिल्ली से लेकर हरियाणा तक, हर जगह मुझे ऐसे लोगों का सामना करना पड़ा जो मुझे बुरी नीयत से देखते थे। एक महिला के लिए बॉक्सिंग में करियर बनाना इतना आसान नहीं होता। एक दिन सुबह 8:30 बजे मैं रिक्शा से ट्रेनिंग कैंप जा रही थी कि तभी एक अजनबी पीछे से रिक्शा पर चढ़ गया और वह मेरे शरीर के उन हिस्सों को छूने लगा। मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं रिक्शे से उतर गई। तब तक वो बदमाश भागने लगा, मैंने अपनी चप्पल को हाथ में पकड़ा और उसका पीछा किया लेकिन वह भागने में सफल रहा। उस समय मैं कराटे सीखा करती थी इसके बावजूद कोई मुझे छेड़ कर चला गया था। मुझे तब बहुत अफसोस हुआ था।
उस समय मैं 17 साल की थी और अब 33 की हो गई। मैंने देश को बहुत सम्मान दिलाया, लोग एक मेडलिस्ट के तौर पर मेरी प्रशंसा करते हैं। लेकिन, मैं चाहती हूं कि एक औरत के तौर पर भी मेरा उतना ही सम्मान हो। मेरे बच्चों तुम याद रखना कि तुम्हारी तरह ही हमारे भी दो आंखे और नाक है। हमारे शरीर के कुछ अंग भिन्न हैं और यही एक कारण है जो हमें तुमसे अलग बनाता है। हम भी हमारे दिमाग का इस्तेमाल सोचन के लिए करते हैं जैसे कि पुरुष करते हैं। हम भी अपने दिल से महसूस करते हैं जैसे आप करते हो। हमें यह कतई नहीं पसंद कि कोई हमारे ब्रेस्ट को छुए या बम्स को थपथपाए।
मैरी कॉम आगे लिखती हैं कि, 'दुनिया जितनी पुरुषों से है उतनी महिलाओं से भी है। मेरी समझ में कभी नहीं आया कि पुरुषों को बिना हमारी मर्जी के हमें छूने से उन्हें क्या आनंद मिलता है। बच्चों तुम जैसे-जैसे बड़े होगे तुम्हें पता होना चाहिए कि किसी महिला के साथ छेड़छाड़ व रेप एक दंडनीय अपराध है। तुम्हें कहीं भी कोई लड़की ईव-टीजिंग का शिकार दिखती है तो तुरंत उसकी मदद करें। भारत की राजधानी में एक जवान लड़की को कई बार चाकू मारा-मार कर हत्या कर दी गई, वहाँ कई लोग मौजूद थे लेकिन, कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। मेरे बच्चों तुम एक ऐसे घर में रह रहे जहां मैं तुम्हें महिलाओं के प्रति इज्जत करना सिखा सकती हूं। यह सीख तुम्हारे पापा नहीं दे सकते क्योंकि वह सुबह से शाम तक ड्यूटी करते हैं। तुम्हें बहुत से शब्द सुनने को मिल सकते हैं जैसे लोग तुम्हारे पापा को 'घर जमाई' कहेंगे। लेकिन वह मेरे पार्टनर हैं और उन्होंने मेरा हर कदम में साथ दिया। लोग तुम्हारी मां को 'चिंकी' जैसे शब्दों से भी बुलाएंगे लेकिन तुम्हें इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। तुम इस देश का भविष्य हो और मेरी जिम्मेदारी है मैं तुम्हें किसी भी तरह की हिंसा या डर से दूर रखूं। हम जिस राज्य में रहते हैं वहां महिलाओं की ड्रेस पर कई आपत्तिजनक कमेंट किए जाते हैं जोकि गलत है।
मेर देश ने मुझे प्रसिद्धी और पहचान दी है लेकिन रोड पर चलता हर व्यक्ति मुझे नहीं पहचान सकता जैसा धोनी और विराट को लोग पहचानते हैं। लेकिन मैं यह भी डिजर्व नहीं करती की कोई मुझे 'चिंकी' कहे। मुझे बहुत गर्व है कि मैं राज्य सभा सांसद हूं। मेरे लिए यह बेहतरीन अवसर है कि मैं यौन हमलों को लेकर लोगों का जागरुक करूं। बच्चों आपको प्रत्येक महिला की इज्जत करनी चाहिए, अगर वह किसी बात को लेकर 'न' कहती है। तो उसके पीछे मत पड़िए। रेप और सेक्स की अलग-अलग परिभाषाएं हैं। रेप करने वालों की मानसिकता गिरी हुई होती है। तो आओ हम एक ऐसे समाज की स्थापना करें जहां लड़कियां हर जगह सुरक्षित रहें और उन्हें किसी तरह का डर न हो।'
तुम्हारी मां