78 साल की उम्र, चाहिए बर्थ सर्टिफ़िकेट
लेकिन हाल ही में “विदेश में बसे भारतीय” (ओसीआई) कार्ड के लिए आवेदन करते हुए मुझे लगा कि यह ठीक नहीं है, या ठीक नहीं हो सकता.मुझे बताया गया था कि टॉलीगंज, जहां मेरा जन्म हुआ था, मेरे जन्म के समय 1935 में कलकत्ता नगर निगम की सीमा में नहीं आता था.इसलिए मैंने अपने बर्थ सर्टिफ़िकेट की एक कॉपी के लिए आवेदन किया ताकि मैं उसे अपने ओसीआई के आवेदन के साथ लगा सकूं.ख़ास था कलकत्तियाओसीआई होने से मैं अपनी राष्ट्रीयता बनाए रख सकता हूँ और इसके साथ ही मुझे भारत के लिए आजीवन वीज़ा मिल जाता जिससे मैं यहां अनिश्चितकाल तक रह सकता हूँ और काम कर सकता हूँ.मुझे उम्मीद है कि मुझे अपना जन्मस्थान कलकत्ता रखने दिया जाएगा क्योंकि उस लाजवाब शहर से अपना नाता टूटने पर मुझे बहुत तकलीफ़ होगी.कलकत्ता से मेरा संबंध बहुत पुराना है.
यह कम से कम 1857 से शुरू होता है - उसी साल से जिसे मेरे पर-नाना भारतीय विद्रोह कहा करते थे.वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में हुई बगावत से बच निकले थे और नाव में सवार होकर गंगा के रास्ते कलकत्ता पहुंच गए थे.
मार्क टली और बीबीसी के बांग्लादेश संवाददाता अतौस समाद बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार ज़िले में लोगों से बात करते हुएइंडियन सिविल सर्विस, आईसीएस के सदस्यों को ब्राह्मण माना जाता था, भारतीय सेना के सदस्यों को राजपूतों का दर्जा प्राप्त था.एक व्यापारी होने के नाते मेरे पिता एक वैश्य थे जिन्हें घमंडी आईसीएस और सेना वाले “बॉक्सवाला” कहकर ख़ारिज कर देते थे.दोनों देशों से नाताअपने जीवन के 78 साल से, जबसे में पैदा हुआ मैं यही मानता रहा हूँ कि कलकत्ता का हूँ, टॉलीगंज का नहीं. लेकिन यह सब दरकिनार कर दिया गया है और मेरी ज़िंदगी का मेरे बचपन से कोई नाता नज़र नहीं आता.भारत में करीब-करीब मेरे सभी दोस्त भारतीय हैं. मेरा एक दामाद और बहू भारतीय हैं.मैं एक भारतीय भाषा जानता हूं और हालांकि मेरी इसमें और ज़्यादा महारत होती अगर ज़्यादातर लोग मुझसे अंग्रेज़ी की बजाय हिंदी में बात करते.कलकत्ता से ही नहीं भारत से भी अपने संबंध पर मुझे बहुत गर्व है, जो अब 50 साल पुराने हो चले हैं.मैं देश से निकाला गया व्यक्ति कहा जाना पसंद नहीं करता, इसीलिए मैं विदेश में बसा भारतीय नागरिक बनना चाहता हूँ.
इसका मतलब यह होगा कि मैं दो देशों के नागरिक के रूप में पहचाना जाऊंगा. मैं महसूस करता हूं कि मैं भारत और ब्रिटेन दोनों का हूँ.मैं उन दोनों राष्ट्रीयताओं को साथ ले आऊंगा जो मेरे बचपन के दौरान अलग हो गई थीं.