Manipur Violence: मंत्रियों और विधायकों की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के मामले में 7 और गिरफ्तार, अब तक 32 गिरफ्तार
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Manipur Violence: मणिपुर पुलिस के अधिकारियों ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, 16.11.2024 को निर्वाचित सदस्यों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने/आगजनी से संबंधित मामलों के संबंध में, मणिपुर पुलिस ने 20.11.2024 और 21.11.2024 को 07 और लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि पहले के दिनों में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान वाहेंगबाम ज्योतिकुमार सिंह (26), खुंड्राकपम बिक्रम सिंह (41), मोनीश नेपराम (31), और अरिबम मीराचंद्र शर्मा (41), एलंगबाम हरिसन सिंह उर्फ दादा (34), लौरेम्बम नोरोजित सिंह उर्फ नोनी सिंह (40), लाइमायुम केदारनाथ शर्मा (37) के रूप में हुई है। मणिपुर में चल रहे तनाव को देखते हुए पुलिस बलों ने संवेदनशील क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। इसके अलावा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
In connection with cases related to arson/damage of properties of elected members on 16.11.2024, Manipur Police arrested 07 (seven) more persons on 20.11.2024 and 21.11.2024 in addition to the 25 (twenty-five) persons arrested on earlier days. They have been identified as follows…
— Manipur Police (@manipur_police)
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
वहीं संबंधित घटनाक्रम में, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में चल रहे संकट से निपटने के उनके तरीके की कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चिदंबरम ने संकट के लिए मुख्यमंत्री को दोषी ठहराते हुए एक मैसेज पोस्ट किया था, जिसे बाद में हटा दिया गया था, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि मणिपुर की स्थिति उनके नेतृत्व का परिणाम है। जवाब में सिंह ने चिदंबरम पर राज्य में चल रही हिंसा का "मूल कारण" होने का आरोप लगाया। इस बीच, मणिपुर के कई विधायकों ने हिंसा के जवाब में अपनी मांगों को रेखांकित करते हुए सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में केंद्र सरकार से राज्य में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) लगाने पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया गया।
सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद
इसके अलावा विधायकों ने कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर एक ऑपरेशन की भी मांग की, जिन पर जिरीबाम में महिलाओं और बच्चों सहित छह लोगों की हत्या का आरोप है। इसके अलावा प्रस्ताव में तीन प्रमुख मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने की मांग की गई, जिसमें छह नागरिकों की हत्या, एक महिला को जला दिया जाना और एक महिला किसान की हत्या की जांच शामिल है। हाल ही में छह शवों की बरामदगी के बाद स्थिति और बिगड़ गई, जिसके कारण राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं।