माणिक्य रत्न नाम-यश पर सीधा असर डालता, जानें इसे धारण करने के नियम और सावधानियां
डॉ. अन्जू वत्स ( ज्योतिषाचार्य वास्तुविद अंक शास्त्री )। सूर्य अग्नि प्रधान ग्रह है और माणिक्य उसका प्रमुख रत्न है। यह अत्यधिक शक्तिशाली रत्न है, और आंखों, हड्डियों, ह्रदय तथा नाम- यश पर सीधा असर डालता है। वैसे तो माणिक्य कई रंगों का होता है, लेकिन गुलाबी रंग का माणिक्य काफी प्रभावशाली होता है। यह रत्न तुरंत प्रभाव दिखाने लगता है।
माणिक्य के लाभ और नुकसान क्या हैं
लाभ होने पर चेहरा चमकने लगता है और आत्मविश्वास बढ़ जाता है। राजकीय कार्य और प्रशासन में विशेष लाभ होता है।पिता और परिवार से रिश्ते अच्छे होने लगते हैं। वहीं अगर नुकसान करे तो लगातार सर में दर्द होने लगता है। इतना ही नहीं हड्डियों में और आंखों में समस्या होने लगती हैं। इसके अलावा अपयश की तथा पारिवारिक जीवन की समस्याएं होने लगती हैं।
माणिक्य किस रंग होना चाहिए
माणिक्य गुलाबी या लाल रंग का पारदर्शी होना चाहिए। इसको सोने या ताम्बे में पहनना चाहिए। इसको अनामिका अंगुली में रविवार को दोपहर तक ही धारण करना चाहिए।
इसके साथ हीरा, नीलम और गोमेद व लहसुनियां नहीं पहनने चाहिए। इसके साथ क्या पहने
माणिक्य के साथ पीला पुखराज धारण करना सर्वोत्तम होता है।
किन लोगों को माणिक्य धारण करना चाहिए
अगर कुंडली दिखाकर धारण करें तो सबसे बढ़िया होगा।
मेष, सिंह और धनु लग्न में माणिक्य पहनना सर्वोत्तम होता है।
कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में साधारण परिणाम देता है।
वृषभ लग्न में विशेष दशाओं में माणिक्य धारण कर सकते हैं।
अगर कुंडली नहीं है तो जरूरत के अनुसार माणिक्य धारण कर सकते हैं, परन्तु इससे पहले इसकी जांच जरूर करा ले के आपको इससे कोई नुकसान तो नहीं होगा।
कन्या, मकर, मिथुन, तुला और कुम्भ लग्न में माणिक्य धारण करना खतरनाक हो सकता है।
जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या ह्रदय रोग है उन्हें बहुत सोच समझकर ही माणिक्य पहनना चाहिए।
जिन लोगों के सम्बन्ध पिता के साथ ठीक नहीं है, उन्हें भी माणिक्य नुकसान कर सकता है।
जो लोग शनि से सम्बंधित क्षेत्रों में हैं, उन्हें माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए।