मल्लिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष, कार्यभार संभालते समय सोनिया गांधी रहीं माैजूद
नई दिल्ली (एएनआई)। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष के रूप में आधिकारिक रूप से कार्यभार संभाला। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने शीर्ष पद पर चुनाव का प्रमाण पत्र सौंपा। इस दाैरान मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, मुझे उम्मीद है कि अन्य पार्टियां कांग्रेस से सबक लेंगी और प्रेसिडेंट पद के लिए गुप्त मतदान कराएंगी। इस मौके पर पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य वरिष्ठ नेता और सांसद मौजूद थे।
To make a new India, they want Congress-free India as they know that as long as Congress is there, they can't do it. We will not let it happen and will continue to fight against it: Newly elected Congress president Mallikarjun Kharge pic.twitter.com/9MZSR88TTg
— ANI (@ANI)
पूर्व पीएम मनमोहन से की थी मुलाकात
कांग्रेस मुख्यालय में आज कार्यक्रम से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की। आज सुबह उन्होंने महात्मा गांधी को उनके स्मारक राजघाट पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के स्मारकों का भी दौरा किया। मल्लिकार्जुन खड़गे, जो 24 वर्षों में नेहरू-गांधी परिवार के बाहर पहले कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने थरूर को हराया
बता दें कि हाल ही में 80 वर्षीय खड़गे को शशि थरूर के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा गया। उन्हें 7,897 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी को 1072 वोट मिले। एक नेता जो जमीनी स्तर से उठे हैं, मल्लिकार्जुन दलित समुदाय से हैं और 1968 में एस निजलिंगप्पा के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कर्नाटक के दूसरे नेता होंगे जो पार्टी के शीर्ष पद पर आसीन हुए।
नौ बार विधायक रहे मल्लिकार्जुन खड़गे
सक्रिय राजनीति में पांच दशकों से अधिक के अनुभव में, मल्लिकार्जुन खड़गे एक केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता रहे हैं और कर्नाटक में कई विभागों को संभाला है जहां वे नौ बार विधायक रहे हैं। एक जुझारू, मुखर और सुलभ राजनेता, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों में सहज है। मल्लिकार्जुन खड़गे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के कड़े आलोचक रहे हैं।