खुशहाल शादी में काफी है हफ्ते में एक दिन लव मेकिंग
जरूरी है आपस में जुड़ाव
टोरंटो मिसिसॉगा विश्वविद्यालय की एक रिसर्च के मुताबिक अगर जोड़ों के बीच जुड़ाव और लगाव है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे रोज दैहिक संबंध बनाते हैं या नहीं। हालाकि इसका ये मतलब नहीं हे कि रोज संबंध बनाने वाले जोड़े कुछ गलत कर रहे हैं पर ऐसा ना हो पाने की स्थिति में भी आपके बीच की बांडिंग अगर मजबूत है तो हफते में एक बार ही करीब आना आपकी खुशियों को बनाये रखता है।
करीब 30,000 जोड़ों पर सर्वे पर आधारित है नतीजे
40 साल तक के करीब तीस हजार अमेरिकन जोड़ों पर किए गए इस सर्वे में पता चला है कि जोड़ों के बीच खुशियां इस बात पर आधारित नहीं रही हैं कि वो हफ्ते में एक या उससे ज्यादा बार सेक्स करते हें। ऐसा ही एक अध्ययन 25 हजार अमेरिकन जोड़ों पर शिकागो विश्वविद्यालय के द्वारा भी किया गया। इसमें करीब 11 हजार दो सौ पच्चासी पुरुष और 14 हजार दो सौ पच्चीस महिलायें शामिल थीं। इन्होंने भी बताया कि उनके बीच प्यार में तब भी कोई कमी नहीं आई जब उनके संबध बनाने की निरंतरता रोज से घटते हुए हफ्ते में एक दिन तक आ गयी।
उम्र, लिंग और संबधों के पुराने होने का असर नहीं
रिसर्च में ये भी सामने आया कि स्टिरियो टाइम मिथकों का आपकी सेक्स लाइफ और खुशियों से कोई लेना देना नहीं होता। जैसे कहा जाता है कि पुरुषों में यौनइच्छा ज्यादा होती है या बुजुर्ग यौन संबंध बनाने में कम रुचि रखते हैं, ये दोनों ही बातें एकदम गलत साबित हुई। सच तो ये है कि रिश्ता कितना पुराना है, लिंग या उम्र का आपके यौन संबंधों पर कोई असर नहीं होता। ये महज दो लोगों के बीच प्यार पर निर्भर करता है।
क्या आर्थिक स्थिति का असर होता है
कहने को तो ये भी कहा जाता है कि जितना ज्यादा पैसा उतने ज्यादा इंटेस सेक्स संबंध और उतनी ही ज्यादा खुशियां, लेकिन ये बात भी कुछ हद तक ही सही मानी जा सकती है। एक ऑन लाइन सर्वे में करीब 335 जोड़ों पर शोध करने पर पाया गया कि भले ही किसी की आय 15 से 25 हजार डॉलर प्रति वर्ष के बीच हो या 50 से 75 हजार डॉलर प्रति वर्ष के बीच, उनके संबंध में खुशियां उनके सेक्स संबधों की फ्रिक्वेंसी से ही प्रभावित होती है और उसे आमदनी से जोड़ा नहीं जा सकता। कम आमदनी वाले जोड़े भी अगर हफ्ते में एक बार देह संबंध बनाते हैं तो उतने ही प्रसन्न और संतुष्ट रहते हें जितने ऐसा करने पर ज्यादा आमदनी वाले पाए गए थे।