पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक बम धमाके में कम से कम 40 लोग मारे गए हैं और 19 लोग घायल हैं.


अधिकारियों का कहना है कि धमाका किस्सा ख्वानी बाज़ार में हुआ.धमाके में कम से कम आठ दुकानें ‌और कई वाहन भी जल गए हैं.पेशावर में एक हफ़्ता पहले ही एक  गिरजाघर में दोहरा आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें कम से कम 80 लोग मारे गए थे.पिछले शुक्रवार पेशावर के नज़दीक सरकारी कर्मचारियों को ले जा रही एक  बस पर बम हमले में कम से कम 17 लोग मारे गए थे.पेशावर, खैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत का प्रमुख शहर है. हाल के सालों में यहां कई बम हमले हुए हैं जिसके लिए तालिबान विद्रोहियों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है.अस्पताल में आपातकापुलिस को शक़ है कि रविवार के धमाके की वजह कार बम था.पाकिस्तान के डॉन अख़बार ने स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से लिखा है कि इस हमले का मुख्य निशाना पेशावर का मुख्य पुलिस स्टेशन था.
लेकिन बम निरोधक दस्ते के प्रमुख शफ़क़त मलिक ने कहा कि ऐसा लगता है कि धमाका पुलिस स्टेशन से कुछ दूर हुआ था.उन्होंने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि पार्क की गई एक गाड़ी को 'रिमोट कंट्रोल नियंत्रित बम में बदल' दिया गया था.


घायलों का इलाज शहर के लेडी रीडिंग अस्पताल में हो रहा है. कई घायल बुरी तरह से जले हुए हैं. अस्पताल में आपातकाल घोषित कर दिया गया है.अधिकारियों का कहना था कि हमले में 76 लोग घायल हुए हैं.तालिबान के साथ बातचीत की कोशिशबढ़ती हिंसा से नए प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की  तालिबान के साथ शांति वार्ता कर चरमपंथ ख़त्म करने की कोशिशों पर असर पड़ा है.तालिबान ने लगातार पाकिस्तान के संविधान को खारिज किया है और उसकी मांग है कि देश में शरिया क़ानून लागू हो.इस वक्त नवाज़ शरीफ़ संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने न्यू यॉर्क गए हुए हैं जहां रविवार को वे भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से मुलाक़ात करेंगे.न्यू यॉर्क से एक संदेश में नवाज़ शरीफ़ ने पेशावर में हुए हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने हमले को मानवता पर हमला बताया.इस बातचीत से पहले मनमोहन सिंह ने महासभा को संबोधित करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को ''आंतकवाद का केंद्र'' बनना बंद करना होगा.पिछले रविवार को पेशावर के ऐताहासिक ऑल सेंट्स गिरजाघर पर हुए आत्मघाती हमलों का देशव्यापी विरोध हुआ था. इसे पाकिस्तान के ईसासियों पर अब तक का सबसे घातक हमला माना जा रहा है.

तालिबान से जुड़े दो इस्लामी चरमपंथी गुटों ने कहा था कि उन्होंने अमरीकी ड्रोन हमलों के जवाब में ये हमले करवाए थे.इन हमलों में 120 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे.

Posted By: Subhesh Sharma