मुंबई में दुनिया के कुछ सबसे अमीर लोग हैं, उन्हें बाढ़ पीड़ितों की मदद करनी चाहिए : संजय राउत
मुंबई (एएनआई)। महाराष्ट्र में लगातार बारिश के कारण हालात काफी गंभीर है। यहां बाढ़ और भूस्खलन की वजह से कई लोगों की जान चली गई है। ऐसे में सोमवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का हवाला देते हुए कहा, राज्य सरकार पूरी कोशिश करेगी लेकिन महाराष्ट्र उन सभी की जिम्मेदारी है जिन्हें उसने बहुत कुछ दिया है। राज्य को एक हजार हाथों से मदद की जरूरत है। मुंबई में दुनिया के कुछ सबसे अमीर लोग हैं। उन्हें मदद करनी चाहिए। महाराष्ट्र के 11 जिले इस समय बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। इन बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। प्रभावितों के परिवार तबाह हो गए हैं। महाराष्ट्र सरकार केंद्र सरकार की मदद से पूरी कोशिश कर रही है लेकिन अमीर लोग राज्य में अपने लोगों की जरूरतों पर भी ध्यान देना चाहिए। गांवों के पुनर्निर्माण में सरकार की मदद करनी चाहिए
संजय राउत ने यह भी कहा कि मुंबई में संपन्न लोग हैं जिन्हें महाड, सतारा, सांगली और कोल्हापुर में तबाह हुए गांवों के पुनर्निर्माण में सरकार की मदद करनी चाहिए। राहत एवं पुनर्वास विभाग की जानकारी के अनुसार सोमवार तक 1028 प्रभावित गांवों में मरने वालों की संख्या 164 पहुंच गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, सीएम उद्धव ठाकरे ने कल बाढ़ प्रभावित चिपलून के अपने दौरे के दौरान कहा कि राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान की एक दो दिनों में वित्तीय समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने संबंधित जिला कलेक्टरों को बाढ़ पीड़ितों को भोजन, दवा, कपड़े और अन्य जरूरत का सामान तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। स्थिति की समीक्षा के बाद मुआवजे की घोषणा होगीसंकटों की पुनरावृत्ति को देखते हुए, सभी संबंधित जिलों में एक अलग एनडीआरएफ-स्टाइल मैकनिज्म स्थापित किया जाएगा। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल है, लेकिन यह अधिक सक्षम होगा। मैं अभी केवल लोकप्रियता हासिल करने के लिए कुछ भी घोषणा नहीं करूंगा, राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के बाद मुआवजे की घोषणा की जाएगी, साथ ही केंद्र से क्या और कितनी मदद मांगी जा सकती है। लगभग 150 एनडीआरएफ की टीमें भारत भर में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, क्योंकि भारी बारिश ने कई राज्यों में सामान्य जीवन को बाधित कर दिया है। अकेले महाराष्ट्र में 34 टीमें तैनात हैं।