एक बार फिर नेस्ले के लोकप्रिय ब्रांड मैगी के उत्तर प्रदेश में लैब जांच में फेल होने की खबरें आ रही हैं। शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने मैगी पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें तय मात्रा से अधिक राख मिली है। इसके पहले भी जांच के दौरान मैगी में कांच और राख की मात्रा अधिक होने के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि 2 मिनट में तैयार होने वाली मैगी आज भी बड़ी संख्या में लोगों की पसंद बनी हैं। ऐसे में मैगी के बारे में ये 5 बातें जानना तो बनता है...
जूलियस मैगी के नाम परमैगी भारत समेत कई देशों में काफी लोकप्रिय है। मैगी शब्द स्विजरलैंड के उद्यमी जूलियस मैगी के नाम पर है। जूलियस मैगी को 1884 में अपने पिता की फैक्ट्री की महिलाओं को देखकर मैगी बनाने का विचार आया। वेजेटेरियन फूड प्रोडक्ट2 से तीन मिनट में बनकर तैयार होने वाली मैगी वेजेटेरियन फूड प्रोडक्ट है। आज मार्केट में 5, 10 और 20 रुपये में मैगी के कई स्पेशल फ्लेवर मिल जाते हैं। बच्चे हो या बड़े मैगी हर किसी की पसंदीदा है। जब वापस लौटी मैगी
जून 2015 को देश में मैगी पर बैन लगा दिया गया था। हालांकि बाद में मैगी कानूनी प्रक्रिया से निपटने के बाद साल के अंत तक यह बाजार में वापस लौटी। इसके बाद देखते ही देखते वह फिर लोगों के बीच पसंदीदा बन गई।
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Posted By: Shweta Mishra