मोहनलालगंज एरिया के गांववाले आजकल भैंसों का फोटोशूट करवाने में बिजी हैं. आप भी चौंक गए न लेकिन ये हकीकत है. बीते दिनों 'कल्लू' नामक एक भैंस के गायब होने के बाद इलाके के सर्किल ऑफिसर ने भैंस चोरों से निपटने का एक अजब तरीका खोजा है. इलाके में लापता होने वाली भैंसों को तलाशने के लिए पुलिस का क्या है नायाब फंडा चलिए आपको बताते हैं 'कल्लू' की स्माइल का पूरा राज.


'कल्लो'! स्माइल प्लीज...'कल्लो' क्या गायब हुईं मोहनलालगंज सर्किल के फोटोग्राफर्स की तो निकल पड़ी... इन दिनों मोहनलालगंज व गोसाईंगंज एरिया के किसी भी गांव में चले जाइये, हर जगह भैसों व गायों का फोटोशूट होता मिल जाएगा. आलम यह है कि इलाके के फोटोग्राफर्स एक-एक दिन में जितनी कमाई कर रहे हैं, उतनी कमाई पूरी सहालग में भी नसीब नहीं हो पाती. मवेशियों के इस फोटोशूट की वजह जानकर भी आप हैरत में पड़ जाएंगे. दरअसल, गोसाईंगंज एरिया से रहस्यमय हालात में गायब हुई कल्लो नामक भैंस बाराबंकी में बरामद हो गई. पर, दो मालिक खुद को असली बताते हुए कल्लो पर अपना दावा ठोंकने लगे. मामला सीओ मोहनलालगंज की पंचायत में पहुंचा. जहां अब तक कल्लो के मालिकाना हक का मामला तो सुलझ न सका.मजबूरन करानी पड़ रही है गाय-भैंसों की फोटो


सीओ ने अजब फरमान जारी कर दिया. फरमान के मुताबिक, उनके सर्किल में जिन लोगों ने भी मवेशी पाल रखे हैं वह उनकी फोटो कराकर अपने पास रखें. ताकि, भविष्य में ऐसी स्थिति आने पर मवेशी बरामद होने के बाद उसका कल्लो नामक भैंस की गुमशुदगी पर हुए बवाल के बाद सीओ मोहनलालगंज ने जारी किया अजब फरमान फोटो से मिलान कराया जा सके. सीओ के इस फरमान से इलाके के मवेशी पालक रोष में तो हैं लेकिन, उन्हें मजबूरन अपनी गाय भैंसों की फोटो करानी पड़ रही है. वहीं, मवेशी पालकों की मजबूरी का फायदा फोटोग्राफर मोटी रकम ऐंठ रहे हैं.यह था मामलागोसाईंगंज के गंगागंज निवासी रामवचन की भैंस जिसका नाम उन्होंने कल्लो रखा था, 20 फरवरी के आसपास रहस्यमय हालात में गायब हो गई. इसी दौरान उसके पड़ोसी अवध की भी भैंस गायब हो गई. राम वचन ने इसकी गुमशुदगी की तहरीर गोसाईंगंज चौकी में दी. इसके बाद वह और उसके भाई कल्लो को ढूंढने के लिये निकल पड़े. बताया जाता है कि उन लोगों को पता चला कि कल्लो बाराबंकी के बीरमखेड़ा में किसी के घर में बंधी है. रामवचन ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस भैंस को बरामद कर लाई. इधर, भैंस बरामदगी की खबर लगते ही अवध भी चौकी जा पहुंचा और बरामद भैंस को अपनी बताने लगा.नहीं तय हो सका मालिक

असमंजस में आई पुलिस ने तय किया कि भैंस को खुला छोड़ दिया जाए, वह जिसकी होगी उसी के घर चली जाएगी. पर, छुट्टा छोडऩे के बावजूद भैंस टस से मस न हुई और दोनों में मवेशी पालक मजबूरन करा रहे फोटोग्राफी से किसी के घर न गई. एक दावेदार ने बताया कि उसके पास उस भैंस का पड़वा है, जबकि दूसरे ने बताया कि उसके पास भैंस की पड़वी है. इस पर पुलिस ने तय किया कि भैंस पड़वा या पड़वी में से जिसे भी अपना दूध पिला देगी, भैंस उसी की मानी जाएगी. पुलिस का यह प्लान भी नाकाम साबित हुआ और भैंस ने उन दोनों को ही दूध पिला दिया. आखिरकार मामला सीओ मोहनलालगंज राकेश नायक के दरबार में पहुंचा. जहां दोनों पक्षों और भैंस के बर्ताव को सुनने के बाद उन्होंने पड़वा और पड़वी का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला सुनाया. यह भी तय किया गया कि टेस्ट कराने का जो भी खर्च आएगा, उसे दोनों दावेदार ही वहन करेंगे.पहले भी चर्चा में रह चुके हैं सीओ नायकसीओ राकेश नायक का यह कोई पहला मामला नहीं है, जो उन्हें चर्चा में लाया हो. इसके पहले उन्हें कानपुर में बीते दिनों हुए सनसनीखेज ज्योति मर्डर केस के हत्यारोपी पति पीयूष पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्यार जताते हुए उसका माथा चूमने की तस्वीरें चर्चा का विषय बन गई थीं और उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा और उन्हें इसके लिये सस्पेंड भी कर दिया गया था. विवाद से बचने के लिये फरमान जारी

भैंस के मालिकाना विवाद को लेकर हुए इस विवाद से सबक लेते हुए सीओ राकेश नायक ने मातहत पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने इलाके के लोगों से कहें कि वह अपने मवेशी की फोटोग्राफ कराकर अपने पास सुरक्षित रखें, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति में बरामद मवेशी की फोटो से पहचान हो सके. जिससे पुलिस को मवेशी खोजने में आसानी हो.

Posted By: Mayank Kumar Shukla