लखनऊ के होटल अग्निकांड में 22 इंजीनियर, अधिकारी दोषी करार
लखनऊ (आईएएनएस)। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने लेवाना सूट होटल में आग लगने की अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बिल्डर के साथ कथित रूप से मिलीभगत करने और अवैध निर्माण गतिविधि पर आंखें मूंद लेने के लिए 22 इंजीनियरों और जोनल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। ये जांच तब शुरु हुई, जब सोमवार को होटल में आग लगने से चार लोगों की जान चली गई। अब शासन ने होटल को गिराने का आदेश दे दिया है।
आवासीय जमीन पर बनाया होटल
एलडीए ने आवासीय भूखंड पर होटल चलाने की व्यावसायिक गतिविधि को अंजाम देने के लिए मेसर्स बंसल कंस्ट्रक्शन के मुकेश जसनानी और उनके सहयोगी के खिलाफ हजरतगंज थाने में एमआईआर भी दर्ज कराई है। एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने घटना के लिए जवाबदेही तय करने के लिए प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया और रिपोर्ट सोमवार देर रात सौंपी गई।
कौन-कौन पाया गया दोषी
प्रारंभिक जांच के बाद, समिति ने 2 जुलाई, 2017 से 'जोन छह' (जिसमें हजरतगंज भी शामिल है) में तैनात इंजीनियरों को जिम्मेदार पाया। एलडीए जांच दल द्वारा आरोपित 22 इंजीनियरों/जोनल अधिकारियों में कार्यकारी अभियंता अरुण कुमार सिंह, ओपी मिश्रा (दोनों सेवानिवृत्त), अधीक्षण अभियंता जहीरुद्दीन और कमलजीत सिंह, सहायक अभियंता ओपी गुप्ता, राकेश मोहन, राधे श्याम सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, अमर कुमार मिश्रा, नागेंद्र सिंह और इस्माइल खान शामिल हैं। इसी तरह, जूनियर इंजीनियरों में राजीव कुमार श्रीवास्तव, जे.एन. दुबे, जेडी सिंह, रवींद्र श्रीवास्तव, उदयवीर सिंह, मोहम्मद इस्माइल खान, अनिल मिश्रा, पी.के. गुप्ता, सुशील कुमार वर्मा, अंबरीश शर्मा और रंगनाथ सिंह दोषी पाए गए हैं।