नौकरी के लिए दर-दर भटकने के बाद स्वरोजगार की ओर रुख किया और सफलता हासिल की। अब दूसरे के लिए प्रेरणा भी बने हैं। पहले पशुपालन कर दूध का कारोबार किया। गोबर गैस प्लांट लगा कर घरेलू उपयोग के लिए ईंधन की व्यवस्था की। अब उसे छोटे सिलेंडरों में भरकर बेचने की तैयारी है। यह कहानी है उप्र के औरैया जिला स्‍थ‍ित कटिघरा ब्रह्मनान गांव के किसान कविंद्र सिंह की।


दुग्ध उत्पादन से आयकविंद्र को जब नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने परिवार के भरण पोषण के लिए शहर के लिए पलायन नहीं किया। पशुपालन कर पहले दुग्ध उत्पादन से आय बढ़ाई। अब पशुओं के गोबर से गैस बनाकर उसे सिलेंडरों में भरकर बेचने की तैयारी में जुटे हैं। इससे उनकी आय और बढ़ेगी। अभी वह जरूरतमंद लोगों को छोटे सिलेंडर में गैस भरकर मुफ्त में दे रहे हैं। 10 टन का गोबर गैस प्लांटइसका इस्तेमाल वह घर में खाना बनाने के लिए करते हैं। जरूरतमंद लोगों को छोटे सिलेंडर में कंप्रेशर से गैस भरकर मुफ्त में देते हैं, लेकिन अब वह मुफ्त में गैस को नहीं बांटेंगे। उन्होंने गैस को सिलेंडरों में भरकर बेचने की तैयारी कर ली है। इसके लिए 10 टन का गोबर गैस प्लांट बनवाने की भी तैयारी है। इससे रोजाना करीब 200 किलोग्राम गैस का उत्पादन होगा।


कैसे भरते हैं सिलेंडर में गैस

गोबर गैस प्लांट से निकलने वाली गैस के पाइप को वह कंप्रेशन मशीन से जोड़ देते हैं। कंप्रेशर मशीन के दूसरे हिस्से से निकलने वाले पाइप को सिलेंडर से जोड़ देते हैं। इसके बाद मशीन को बिजली या बैटरी से चालू कर देते हैं। कुछ ही देर में छोटा गैस सिलेंडर भर जाता है। story by हरेंद्र प्रताप सिंह, औरैयाभाप से मिलेगी संसद भवन को चमक, इन तरीकों से भी होती हैं ऐतिहासिक इमारतों की सफाई

Posted By: Shweta Mishra