हारने की ख़बर दिखाई तो हटाया: लोकसभा टीवी सीईओ
राजीव मिश्रा 16 दिसंबर 2011 से लोकसभा टीवी के सीईओ थे. दिलचस्प बात ये है कि राजीव मिश्रा को ऐसे समय हटाया गया है जबकि 15वीं लोकसभा भंग हो चुकी है और स्पीकर मीरा कुमार का कार्यकाल बतौर लोकसभा स्पीकर ख़त्म होने वाला है.नई लोकसभा छह जून को नए स्पीकर का चुनाव करने वाली है.राजीव मिश्रा ने बीबीसी से कहा, "मुझे कुछ नहीं बताया गया है लेकिन लोकसभा इंफ़्रानेट वेबसाइट पर एक नोटिफ़िकेशन डाला गया है. अब नया स्पीकर आना है इसलिए मैं भी हैरान हूं. नियुक्ति की एक प्रक्रिया है लेकिन निकालने की भी प्रक्रिया है मुझे नहीं पता क्या किया गया है."कार्यकाल सीमित
उन्होंने दावा किया, "कुछ लोगों ने मुझे कहा कि बात ये हो रही थी कि आपने सासाराम से हारने की ख़बर क्यों दिखाई. हमने वो तभी दिखाई थी जब चुनाव आयोग ने पुष्टि कर दी थी, हम पूरा चुनाव कवर कर रहे थे. पत्रकार के नाते पुख्ता सूचना मिलती है तो हम दिखाएंगे ही."पांच बार सांसद रहीं मीरा कुमार हाल ही में बिहार के सासाराम से लोकसभा चुनाव हार गई थीं, उन्हें भाजपा के छेदी पासवान ने हराया था.
तो क्या राजीव मिश्रा पर किसी तरह का संपादकीय दबाव डाला गया था? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मुझे संपादकीय स्वतंत्रता मिली है लेकिन मैं व्यक्तिगत तौर पर इस समय स्पीकर के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता."इस पूरे विवाद पर वरिष्ठ वकील के.टी.एस. तुलसी कहते हैं, "स्पीकर का कार्यकाल ख़त्म भी हो जाए तब भी उनका सचिवालय तब तक बरक़रार रहता है जब तक कि नया स्पीकर न आ जाए. वो इसे चुनौती देना चाहें तो दे सकते हैं."लोकसभा टीवी के संचालन का ज़िम्मा लोकसभा सचिवालय के हवाले है और संसद के फ़ंड से इसके ख़र्च की व्यवस्था होती है. यह चैनल सिर्फ़ सरकारी मंत्रालयों और सरकारी कंपनियों से ही विज्ञापन ले सकता है.