Lok Sabha Elections 2019 Result : अंक-ज्योतिष के अनुसार, जानें किसे मिलेगी सत्ता और क्या होगी चुनौतियां
ईमानदार चरित्र, तीव्र विरोध से होगा घिराअंक 4 ईमानदार चरित्र का प्रतिनिधि अंक होने के कारण तीव्र विरोध से घिरा होता है। साथ ही यदि अन्तिम एवं प्रथम चरण के चुनाव-तिथि का अंक विश्लेषण करें तो क्रमशः 2 और 5 के दो विरोधी अंक प्राप्त होते हैं। 5 अंक का मंगल एवं 2 अंक का प्रतिनिधित्व शनि ग्रह करता है, जो परस्पर लगभग विरोधी ग्रह हैं। मंगल सूर्य का मित्र होने के कारण सत्ता की यथास्थिति बना रहा है। अर्थात् सत्तारूढ़ दल पुनः देश में नई सरकार बनाएगा।उपलब्धियों के बावजूद रहेगी चुनौती
1 मार्च से 27 मई के मध्य का समय मंगल ग्रह का उत्थान काल माना गया है, सत्तारूढ़ होने वाली सरकार के समक्ष पूर्व की अनेकश: उपलब्धियों के बावजूद नई सरकार को अनेक चुनौतियों का सामना करने के लिए बाध्य करेगा, जिसमें प्राकृतिक आपदा से लेकर आर्थिक एवं असामाजिक तत्वों के उपद्रव जैसी समस्याएं चुनौती बनकर नई सरकार की कड़ी परीक्षा लेंगी। विरोधी ख़ूनी संघर्ष की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। किन्तु 23 मई सूर्य से प्रभावित होने के कारण उस विरोध का सामना या शमन नई सरकार कैसे करेगी यह तो उसकी मंगल ग्रह जनित क्षमता पर निर्भर करेगा।
अंक ज्योतिष के अनुसार, नई सरकार की कुछ तात्कालिक उपलब्धियां निरपेक्ष वैदेशिक नीति, चुनाव से उत्पन्न डगमगाई आर्थिक स्थिति की स्थिरता, भ्रष्टाचार-निर्मूलन का कारगर प्रयास, सीमा पर होने वाले आतंक की समाप्ति के लिए उठाए गये कठोर क़दम एवं देश में अचानक व्याप्त आन्तरिक अशान्ति का शीघ्र शमन।नई सरकार के समक्ष संभावित चुनौतियांविरोध की असामाजिक अशोभनीय गतिविधि पर शीघ्र नियंत्रण करना, शनि ग्रह के आधिपत्य के कारण अचानक उत्पन्न अर्थ संकट से निपटना, भयंकर प्राकृतिक आपद एवं यत्र-तत्र होने वाली दुर्घटना का सामना, सूर्य-शनि की युति से सरकारी तन्त्र में उत्पन्न असंतोष एवम् सीमान्त प्रदेशों में बढ़ते हुआ आतंक को तत्काल रोकना।जुलाई के मध्य तक स्थिर होंगे हालातइस प्रकार कुल मिलाकर अंक ज्योतिष के अनुसार सूर्य-शनी का यह क्रूर समय होने के कारण पुनः सत्ता में आने वाली नई सरकार चुनाव परिणाम के समय से लेकर लगभग 42 दिन तक संकटों से जूझती रहेगी किन्तु जुलाई के मध्य तक देश की समस्त उथल-पुथल अवस्था समाप्त हो जाएगी और शासन व्यवस्था स्थिर होकर सुव्यवस्थित होकर स्थिर हो जाएगी।पंडित चक्रपाणि भट्ट