Rampur Mainpuri Bareilly Firozabad Loksabha Election 2019: जानें मतदान का समय व महत्वपूर्ण जानकारियां
कानपुर। लोकसभा चुनाव 2019 में तीसरे चरण में यूपी की 10 सीटों पर मतदान होंगे। इनमें मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली और पीलीभीत सीटें शामिल हैं। तीसरे चरण के लिए भी बीजेपी, कांग्रेस और सपा-बसपा व रालोद के महागठबंधन ने हर सीट पर जबरदस्त व नामी प्रत्याशियों को उतारने की कोशिश की है। आइए जानें यहां कुछ खास सीटों के चर्चित उम्मीदवारों के बारे में...रामपुर
रामपुर, उत्तर प्रदेश का शहर है। यह मुरादाबाद और बरेली के बीच में पड़ता है। शहर की स्थापना नवाब फैजुल्लाह खान ने की थी। उन्होंने 1774-1794 तक यहां शासन किया। रामपुर का चाकू उद्योग प्रसिद्ध है इसके अलावा यहां चीनी, कपड़े और चीनी मिट्टी का भी काम होता है। चीनी, वस्त्र तथा चीनी मिट्टी के बरतन के उद्योग भी नगर में हैं। रामपुर नगर में अरबी भाषा का एक महाविद्यालय है। रामपुर क़िला, रामपुर रज़ा पुस्तकालय और कोठी ख़ास बाग़ रामपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। लखनऊ से इसकी दूरी 328.7 किलोमीटर है और दिल्ली से 240 किलोमीटर। रामपुर लोकसभा सीट इस चुनाव में काफी चर्चा में रहा। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर मशहूर फिल्म एक्ट्रेस जया प्रदा नाहट पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस की तरफ से यहां संजय कपूर टक्कर ले रहे हैं। वहीं महागठबंधन की ओर से इस सीट पर मोहम्मद आजम खां उतरे हैं। आजम खां, समाजवादी पार्टी के नेता हैं।
देश व प्रदेश की राजधानी के ठीक बीच में स्थित सुरमे-झुमके के नांम से देशभर में मशहूर बरेली लोकसभा सीट पर भाजपा का वर्चस्व रहता चला आ रहा है। संतोष गंगवार छह बार सांसद बन चुके हैं। केंद्र की भाजपा सरकारों में वह मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में श्रम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। उनसे पहले एक बार इस सीट से पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की पत्नी बेगम आबिदा भी सांसद रह चुकी हैं। कांग्रेस ने लंबे समय के बाद 2009 में भाजपा को हराया तो लेकिन अगले ही चुनाव में संतोष गंगवार ने जीत हासिल कर हिसाब चुकता कर लिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन करने वाली सपा ओर बसपा का बरेली में खाता नहीं खुल पाया। बरेली लोकसभा सीट पर बीजेपी के संतोष कुमार गंगवार तो कांग्रेस के प्रवीण सिंह एरेन चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। वहीं इन लोगों को टक्कर को देने के लिए महागठबंधन के रईस अहमद (समाजवादी पार्टी) भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।