लोकसभा चुनाव 2019 : PM नरेंद्र मोदी बनारस कौन देगा टक्कर? बनारस पर सबकी नजर
-पीएम मोदी बनारस से लड़ते हैं लोकसभा चुनाव तो विपक्ष में होगा कौन?
-काशीवासियों के जेहन में कौंध रहा है सवाल -कांग्रेस सहित सपा-बसपा गठबंधन ने अब तक साध रखा है मौन -पिछले चुनाव में आप के केजरीवाल थे मोदी के मुकाबलेVARANASI : लोकसभा चुनाव की डेट डिक्लेयर हो गई. चुनाव आयोग की ओर से आखिरी चरण सातवें में पूर्वाचल सहित बनारस में 19 मई को मतदान का मुहुर्त भी निकल गया. लेकिन बड़ा सवाल काशीवासियों के जेहन में यह कौंध रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस से चुनाव लड़ते हैं तो फिर विपक्ष में कौन होगा? चूंकि भाजपा ने यह क्लीयर कर दिया है कि अपने संसदीय क्षेत्र से ही पीएम मोदी चुनाव लड़ेंगे. मगर, अभी तक विपक्ष की ओर से कैंडीडेट का नाम सामने नहीं आया है. सपा-बसपा गठबंधन के तहतं बनारस की सीट सपा को मिली है लेकिन यहां से प्रत्याशी के नाम की अभी तक घोषणा नहीं की गई है. भले ही कन्नौज, इटावा, राबर्टसगंज सहित आधा दर्जन सीटों पर सपा ने प्रत्याशी उतार दिए लेकिन बनारस को लेकर मंथन जारी है. यही हाल कांग्रेस का भी है. अमेठी, रायबरेली सहित अन्य सात सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशी के नामों की घोषणा कर दी है लेकिन बनारस के नाम पर कांग्रेस में सन्नाटा ही दिख रहा है. यही चुप्पी काशी वासियों को खटक रही है कि आखिर कौन है जो पीएम से टक्कर लेगा?
पीएम से हारे थे दिल्ली के सीएम
पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में काशी पर पूरे देश की नजर थी. क्योंकि यहां से नरेंद्र मोदी प्रत्याशी थे तो वहीं आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को मैदान में उतारा था. भाजपा के सामने सपा व कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी तो आप के केजरीवाल 2,09,238 वोट पाकर सम्मान बचाने में सफल रहे. भाजपा से प्रत्याशी रहे नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड 5,81,022 मत पाकर सांसद चुने गए. यही सब कारण है कि विरोधी दल इस बार ऐसे प्रत्याशी की तलाश में हैं जो टक्कर दे सके. बहरहाल, यह भी खबर है कि गठबंधन और कांग्रेस मिलकर किसी एक प्रत्याशी को खड़ा कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए अभी तक एक भी ऐसे कद्दावर नेता का नाम सामने नहीं आया है जिससे कि लोगों को उम्मीद बंधे कि चुनावी जंग जोरदार होगी.
डेवलपमेंट से होगी फाइट
अपने ससंदीय क्षेत्र बनारस को अरबों तक की सौगात दे चुके प्रधानमंत्री मोदी के सामने रण में उतरना किसी भी प्रत्याशी के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होगी. लोगबाग कहते हैं कि मोदी से नहीं, पहले यहां हुए डेवलपमेंट से फाइट करनी होगी. इतने सौगात से भर दिए हैं कि विरोधियों को उनसे पार पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.