Lockdown Diaries : अमिताभ बच्चन ने पिता कि कविता पढ़ लोगों में जगाई आशा, उन्हें याद कर हुए इमोशनल
नई दिल्ली (एएनआई)। Lockdown Diaries : अमिताभ बच्चन ने इस मुश्किल घड़ी में अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की लिखी एक कविता को पढ़ा और उन्हें याद किया। इस कविता के जरिए उन्होंने लोगों को हिम्मत देने की कोशिश की। उनकी इस इमोशल पोएट्री से लोग काफी इंस्पायर हो रहे हैं। उसके बोल हैं, 'है अंधेरी रात दिया जलाना कब मना है'। इस कविता में एक बैकग्राउंड म्युजिक भी है जो अमिताभ बच्चन की आवाज में इस कविता के साथ घुल कर इसमें जान फूंक देती है। इस कविता में उन्होंने एक बेहद इमोशनल और हिम्मत देने वाला कैप्शन भी लिखा है।
View this post on Instagramइस कविता के साथ पिता को भी किया याद
अमिताभ बच्चन की आवाज में इस कविता को सुन कर निश्चित ही आप इमोशनल हो जाएंगे। उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'आइसोलेशन के इस समय में मुझे मेरे पिता की लिखी एक कविता याद आई। इस कविता से आशा और हिम्मत झलकती है। वीडियो में सिंगिंग ऐसे लग रही है जैसे पिता जी इस कविता को सुनाया करते थे और इसे कवि सम्मेलनों में गाया करते थे। मैं उनके साथ जाया करता था।' उन्होंने कविता की लाइनें भी लिख कर शेयर कीं, '.. इन अकेली घड़ियों में, मैं बाबूजी और उनकी कविता को याद करता हूं, जो आशा भरी हैं, शक्ति सम्पूर्ण । गाने की धुन बिलकुल वैसी है जैसे बाबूजी कवि सम्मेलनों में गा के सुनाया करते थे । मैं उनके साथ होता था।'अमिताभ बच्चन की शाॅर्ट फिल्म फैमिली हुई रिलीजअमिताभ बच्चन ने सोमवार को अपनी शाॅर्ट फिल्म फैमिली सोशल मीडिया पर शेयर की। इस शाॅर्ट फिल्म में रजनीकांत, चिरंजीवी, मोहनलाल, ममूटी, रणबीर कपूर, दिलजीत और आलिया जैसे स्टार्स दिखे। अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर अपनी शाॅर्ट फिल्म शेयर की और लिखा, 'जब आप देखते हैं कि वजह सपनों से ज्यादा जरुरी है। इस ऐतिहासिक एफर्ट को पूरा करने के लिए मेरे सभी साथियों और दोस्तों को बधाई, हम एक हैं और साथ मिल कर इस महामारी से बाहर निकलेंगे। जय हिंद।' मालूम हो इस शाॅर्ट फिल्म के जरिए आई रकम से करीब 1 लाख गरीबों के घरों तक राशन पहुंचाया जाएगा।