ओसामा के बाद पाक में खलबली
तालिबान का मानना है कि इस्लामाबाद की मदद के बिना एबटाबाद शहर ओसामा की मौत का गवाह नहीं बन सकता था.
अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा की गई जान को शहादत करार देते हुए तालिबान के स्पोक्समैन अहसानुल्लाह एहसान अब पाकिस्तान को दुश्मन नंबर एक बताते हुए बदले की बात कही है. जैसे ही पूरी दुनिया के सामने लादेन के मरने की खबर आई तो तालिबान ने लादेन की मौत का बदले ऐलान कर दिया.
ऐलान में कहा गया कि बर्बाद नहीं जाने देंगे ओसामा की शहादत. अहसानुल्लाह एहसान ने एक ऑडियो टेप जारी करके धमकी दी है कि वो ओसामा की मौत को जाया नहीं जाने देंगे. इस ऑडियो टेप में ओसामा की मौत को शहादत बताते हुए कहा गया है कि तालिबान का अब पाकिस्तान नंबर एक दुश्मन है.
आतंकियों का टार्गेट नंबर एक
टेप में कहा गया है कि हम शेख ओसामा बिन लादेन की मौत का बदला जरूर लेंगे. उनकी शहादत को बर्बाद नहीं होने देंगे. अब पाकिस्तान हमारा दुश्मन नंबर 1 बन गया है और अमेरिका टार्गेट नंबर 2. टेप में पहला बदला अमेरिका से नहीं बल्कि पाकिस्तान से लेने की बात कही गई है. तालिबान के नए दुश्मनों की इस फेहरिस्त में पहला नाम है पाक के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, नंबर 2 पर हैं पाक के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और तालिबान के तीसरे नंबर पर है पाकिस्तान सेना चीफ जनरल अशफाक परवेज कियानी का.
तालिबानी लड़ाकों का मानना है कि इन तीनों की मदद के बिना अमेरिकी कमांडोज के लिए इस्लामाबाद से चंद किलोमीटर दूर एबटाबाद की उस हवेली तक पहुंचना मुमकिन नहीं था, जहां ओसामा बिन लादेन को मारा गया. तालिबान के मुताबिक ओसामा की मौत की वजह ये तीनों हैं जिन्होंने अमेरिका को ओसामा के छिपे होने की बात बताई.
ऑडियो टेप में बदले की बात करते हुए तालिबानी प्रवक्ता इस बात का भी जिक्र करता है कि कैसे पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या तालिबानी लड़ाकों ने ही की थी. बात आगे बढ़ाते हुए वो ये कहता है कि तालिबानी लड़ाकों को प्लानिंग के बाद सिर्फ 3 महीने का वक्त लगा था बेनजीर की हत्या करने में, जबकि अमेरिका को ओसामा तक पहुंचने में 10 साल लग गए. इसलिए अमेरिका को उसकी हत्या का क्रेडिट नहीं लेना चाहिए.
लादेन की मौत की खबरे के बाद आए इस तालिबान टेप से साफ है कि ओसामा बिन लादेन की मौत से दुनिया भर के आंतकी संगठनों को गहरा झटका लगा है लेकिन ये भी सच है कि पाकिस्तान की सरजमीन में लादेन की मौत ने पाकिस्तानी हुक्मरानों को आतंकियों का बड़ा दुश्मन बना दिया है.