दुनिया में सबसे कम सैलरी पाने वाले 10 राष्ट्रपति
2012 में स्लोवेनिया के राष्ट्रपति बने बॉरुट पाहोर को अपनी तनख्वाह से साल भर में $44,280 की आमदनी होती है। पाहोर 2008 से फरवरी 2012 तक स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री भी रहे। 2012 में आर्थिक मंदी के चलते उनकी सरकार गिर गयी और इसी साल के अंत में देश के राष्ट्रपति बन गए।
पेरुग्वे के राष्ट्रपति फेडरिको फ्रैंको को भी कोई खास सेलरी नहीं मिलती। वे एक साल में $40,000 ही कमाते हैं। पेशे से सर्जन फ्रैंको भी 2012 में ही देश के राष्ट्रपति बने।
झी जिनपिंग, चीन
देश के सबसे बड़े राष्ट्र चीन के अध्यक्ष झी जिनपिंग को तन्ख्वाह उतनी ज्यादा नहीं मिलती। वे साल में $39,720 रूपये सेलरी के रूप में अर्न करते हैं। राष्ट्रपति बनने के पूर्व जिनपिंग चीन के दो प्रांतो के गर्वनर भी रहे थे।
अलेक्जेंडर लुकाशेंको 1994 से बेलारूस के राष्ट्रपति हैं। सोवियत रूस से अलग हुए राष्ट्रों में से एक इस देश के राष्ट्राध्यक्ष के रूप में साल $33,873 कमाते हैं।
प्रणव मुखर्जी, भारत
इस फेहरिस्त में भारत पांचवे स्थान पर है। जुलाई 2012 में देश के राष्ट्रपति बने प्रणव मुखर्जी एक साल में $32,216 कमाते हैं। इससे पूर्व वो करीब 40 से इंडियननेशनल कांग्रेस के साथ देश की राजनीति से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं।
बुल्गारिया के राष्ट्रपति मारिन रायकोफ निकोलोव साल में $26,929 सेलरी पाते हैं। वे मार्च 2013 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार के आरोप में हटाये जाने बाद एक्टिंग प्राइम मिनिस्टर भी रह चुके हैं। उससे पूर्व वे फ्रांस में बुल्गारिया के राजदूत भी रहे हैं।
1987 से जिंबाब्वे के राष्ट्रपति हैं रॉबर्ट मुगाबे। मुगाबे 1980 में जिंबाब्वे के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। मुगाबे को प्रति वर्ष $18,000 सेलरी के रूप में मिलते हैं।
हामिद करजई, अफगानिस्तान
9/11 के हमले के बाद जब अमेरिका ने तालिबान के अधिकार अफगानिस्तान को मुक्त कराया, उसके बाद 2001 में हामिद करजई को जर्मनी में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेस ने अफगानिस्तान का राष्ट्रप्रमुख घोषित किया था। करजई को सालाना $6,300 तनख्वाह मिलती है। 2002 में करजई देश अंतरिम राष्ट्रपति चुने गए। इसके बाद 2004 के आम चुनावों में वो देश की जनता द्वारा राष्ट्रपति बना दिए गए।
पेशे से अध्यापक महमूद अहमदीनेजान अगस्त 205 में ईरान के राष्ट्रपति बने। उन्हें सालाना $3,000 तनख्वाह मिलती है। 2009 में उन्होंने दूसरी भार तमाम विवादों के बावजूद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया।
2013 में जॉर्ज मारियो बबरगॉगलिओ स्टेट ऑफ वेटिकन के प्रमुख पोप फ्रांसिस के रूप नियुक्त किए गए। वेटिकन स्टेट बेशक दुनिया का सबसे छोटा आजाद देश है, लेकिन इसके पोप का प्रभाव क्षेत्र काफी बड़ा है। पोप यानि वेटिकन स्टेट का प्रमुख बिशप ऑफ रोम और रोमन कैथोलिक चर्च का भी मुखिया होता है। पोप की आमदनली या तनख्वाह शून्य होती है यानि उसे तनख्वाह नहीं दी जाती। nteresting News inextlive from Interesting News Desk