अमेरिका ब्रिटेन से कई गुना ज्यादा लोग इंडिया में बिजली गिरने से मरते हैं। एक रिर्पोट के मुताबिक दूसरी प्राकृतिक आपदाओं की तुलना में भारत में ज्‍यादा लोग बिजली गिरने से काल का ग्रास बनते हैं।

चौंकाने वाली रिर्पोट
इंडिया में हर साल बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो जाती है। इससे भी ज्यादा ताज्जुब इस बात का है कि ये मौतें खासकर उत्तर भारतीय राज्यों में होती है। यह सब पढ़कर आपका चौंकना लाजमी है, लेकिन रिपोर्ट बिल्कुल सच है।
अमेरिका, ब्रिटेन को पीछे छोड़ा
इंडिया में एक साल में बिजली गिरने से 2,000 लोगों की मौत की खबर तक सामने आई है। इस तरह से सैकड़ों लोगों की मौत का दुनिया में दूसरा उदाहरण नहीं दिखता। बिजली गिरने से अमेरिका में हर साल औसतन 30 लोग की मौत होती है, जबकि ब्रिटेन में यह औसत तीन के आसपास है। जाहिर है दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी बिजली गिरती है, ऐसे में इंडिया में सबसे ज्यादा मौत के आंकड़े किसी को भी चौंकाने के लिए काफी हैं।
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कमजोर अलर्ट सिस्टम
बिजली गिरने से इंडिया में होने वाली मौत के पीछे एक बड़ी वजह है। वो यह कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में चेतावनी देने की व्यवस्था बेहतर है। घटना से पहले लोगों को ये बताया जाता है कि इन इलाकों में मौसम खराब हो सकता है, बिजली गिर सकती है। ये सुविध भारत में इतने व्यापक पैमाने और सुचारू रूप से नहीं है।
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मानसूनी हवायें भी हैं कारण
इसके अलावा जून से सितंबर के महीने में जो मानसूनी हवाएं चलती हैं, वो बड़ी मात्रा में भारत तक पहुंचती हैं। इसका कारण इंडिया की भौगोलिक स्थिति है। अरब महासागर में इंडिया का आधा हिस्सा किसी प्रायद्वीप की तरह है। इसलिए ये मानसूनी हवाएं इंडिया के बहुत बड़े हिस्से को प्रभावित करती हैं। यानी इंडिया में ख़ूब बरसात होती है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में मानसूनी हवाएं बड़ी रफ्तार में पहुंचती हैं, ऐसी जगहों पर बिजली गिरने की आशंका बनी रहती है।
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खेती-किसानी भी वजह
दुनियाभर की तुलना में भारत में बहुत सारे लोग खेती-किसानी के कामों के लिए अपने-अपने घरों से बाहर निकलते हैं। ऐसे में बिजली गिरने पर उनके चपेट में आने की आशंका ज्यादा बनी रहती है। हालाकि बाढ़ और सूखो से भी मौतें होती हैं पर उससे ज्यादा हादसे बिजली गिरने से होते हैं। उस पर ताज्जुब की बात है कि आज भी इस समस्या को प्राकृतिक आपदा में नहीं गिना जाता।

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Posted By: Molly Seth