बीमा नियामक इरडा ने आज बीमा कंपनियों को एक प्रस्‍ताव भेजा है. जिसके अंतर्गत बीमा कंपनियां अब मनमानी नहीं कर सकेंगी. अब वे जीवन बीमा का क्‍लेम 60 दिनों के अंदर करने के लिए बाध्‍य होंगी. इस अवधि में अगर कंपनी क्‍ल्‍ोम का भुगतान नही करती तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जा सकती है.


अच्छी सर्विस देने का दावा करतीअब बीमा धारकों के लिए एक गुड न्यूज है. अब वे अपनी बीमा पॉलिसी का लाभ आसानी से उठा सकते हैं. वहीं बीमा कंपनियों के लिए मुसीबत बढ़ गयी है. जीवन बीमा का क्लेम लेने के लिए बीमा धारकों को अभी तक महीनों चक्कर लगाने पड़ते थे. कंपनिया जब पॉलिसी देती हैं उस समय तो ग्राहकों को अच्छी सर्विस देने का दावा करती है. उस समय वह ग्राहकों को बस अपनी पॉलिसी देने पर ही ध्यान देती हैं, लेकिन अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं. जब ग्राहक उन पर क्लेम आदि के लिए एप्लाई करता है तो वे उन्हें बेवजह दौड़ाती हैं. कंपनियां किसी न किसी बहाने से बीमा धारक को टरकाती रहती हैं. जबकि बीमा कंपनियों को क्लेम निस्तारण के लिए 6 महीने की समय सीमा निर्धारित है.

कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
सूत्रों के मुताबकि बीमा धारकों की परेशानी और क्लेम के लिए लंबित मामलों को देखते हुए बीमा नियामक इरडा ने एक प्रस्ताव बनाया है. इस प्रस्ताव को सभी बीमा कंपनियों के पास भेज दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि अब हर बीमा कंपनी को क्लेम का भुगतान दो महीने के अंदर करना होगा. अगर कोई कंपनी इसमें हीलाहवाली करती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाई होगी. ऐसे में बीमा धारकों को खुशी है कि अगर यह लागू हो गया तो उन्हें बीमा कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh