महाराणा प्रताप मेवाड़ के शक्‍ितशाली हिंदू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। हालांकि महाराणा प्रताप जितने बहादुर थे उससे ज्‍याद निडर उनका चेतक घोड़ा था। यह अरबी मूल का घोड़ा महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय था। हल्दी घाटी- 1576 के प्रसिद्ध युद्ध में चेतक ने वीरता का जो परिचय दिया था वो इतिहास में अमर है।

1. चेतक घोड़े की सबसे खास बात थी कि, महाराणा प्रताप ने उसके चेहरे पर हाथी का मुखौटा लगा रखा था। ताकि युद्ध मैदान में दुश्मनों के हाथियों को कंफ्यूज किया जा सके।
2. युद्ध मैदान में बहुबल और हथियारों की अधिकता के चलते अकबर की सेना महाराणा प्रताप पर हावी होती जा रही थी। लेकिन अंत में बिजली की तरह दौड़ते चेतक घोड़े पर बैठकर महाराणा प्रताप ने दुश्मनों का संहार किया।
3. एक बार युद्ध में चेतक उछलकर हाथी के मस्तक पर चढ़ गया था। हालांकि हाथी से उतरते समय चेतक का एक पैर हाथी की सूंड में बंधी तलवार से कट गया।
4. अपना एक पैर कटे होने के बावजूद महाराणा को सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए चेतक बिना रुके पांच किलोमीटर तक दौड़ा। यहां तक कि उसने रास्ते में पड़ने वाले 100 मीटर के बरसाती नाले को भी एक छलांग में पार कर लिया। जिसे मुगल की सेना पार ना कर सकी।
5. ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे। मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी।
6. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था।
7. हल्दीघाटी के युद्ध में हिंदू शासक महाराणा प्रताप की तरफ से लडने वाले सिर्फ एक मुस्लिम सरदार था -हकीम खां सूरी।
8. महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियां की थीं। कहा जाता है कि उन्होंने ये सभी शादियां राजनैतिक कारणों से की थीं।

National News inextlive from India News Desk

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari