एक वकील जो गुंडा बनने फिल्मों में आया, डेब्यू मूवी में जीत गया था फिल्मफेयर अवार्ड
इस तरह एक्टिंग की दुनिया में रखा कदम10 नवंबर 1967 को जन्में आशुतोष राणा ने काफी समय बाद फिल्मों में इंट्री की थी। जिस वक्त उन्होंने पहली फिल्म की उनकी उम्र 32 साल थी। उससे पहले वह टीवी सीरियल किया करते थे और अपनी दमदार अदाकारी के बूते उन्हें फिल्मों का रास्ता मिला। आशुतोष अक्सर अपने गांव में होने वाली रामलीला में रावण का रोल निभाया करते थे। वहां उनके एक गुरु थे, जिन्हें दादा जी कहा जाता था। गुरु के कहने पर ही आशुतोष ने टीवी और फिल्मी दुनिया में कदम रखा।
आशुतोष ने फिर भी हार नहीं मानी, वह रोज महेश भट्ट के ऑफिस के चक्कर लगाते और भट्ट जैसे दिखते लपक कर उनके पैर छू लेते। एक दिन आखिर महेश ने आशुतोष को रोक पूछ ही लिया कि, उन्हें जब पैर छूने वालों से इतनी नफरत है तो आशुतोष पैर क्यों छूते हैं। राणा ने जवाब दिया कि, यह उनके घर के संस्कार हैं। आखिरकार महेश ने सीरियल 'स्वाभिमान' में राणा को एक गुंडे का किरदार दे दिया। पहला ब्रेक मिलने के बाद राणा ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। राणा ने वकालत की डिग्री भी ली है लेकिन उन्होंने वकील बनने से पहले खुद को एक फिल्मी गुंडे के रूप में स्थापित कर लिया था।