क्या आप बियर शाप पर जाकर बड़े शौक से बोलते हैं कि गनपत चल दारू ला. अगर हां तो बेचारे गनपत की इस बात का बिल्कुल भी बुरा मत मानियेगा कि वह आपसे आपका ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट मांग रहा है. दरअसल जबसे मुम्बई गवर्नमेंट ने टल्ली होने की उम्र बढ़ा कर 25 इयर्स कर दी है इन बेचारे गनपतों की मजबूरियां भी बढ़ गई हैं.


आजकल सारे देश में महाराष्ट्रा गवर्नमेंट को ड्रिंकिंग एज बढ़ाने के फैसले को क्रिटिसाइज किया जा रहा है. ड्रिंकिंग की लीगल एज को 18 साल से बढ़ाकर 25 साल किये जाने के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे यूथ को ड्रिंकिंग के साइडइफेक्ट्स से बचाया जा सकता है. दूसरी तरफ कुछ थिंक टैंक्स का मानना है कि इससे पैरलल इकानमी रन करेगी और यूथ इल्लीगल बाइंग शुरु कर देंगे. अमेरिका- अमेरिकन कंट्रीज में पेरूग्वे (20) को छोड़ कर लगभग सारी कंट्रीज में टल्ली होने की उम्र 18 साल ही है. यूनाइटेड स्टेट्स में कुछ जगहों पर यह एज 21 साल तक है.


एशिया- इंडिया को छोड़कर एशिया में हर जगह यह एज लिमिट 16 से 21 साल है. मगर कुछ ऐसे देश भी हैं जहां ड्रिन्क पीने पर टोटल मनाही है. अफगानिस्तान, बांग्लादेश, सउदी अरेबिया और ईरान में आपको बियर पीने तो क्या देखने को भी नहीं मिलेगी.

यूरोप- यहां भी लगभग सारे देशों मे टल्ली लिमिट 16 से 18 साल के बीच ही है. यूके में यह लिमिट 5 साल है. मतलब कि 5 साल तक के बच्चे को ड्रिन्क करने की मनाही है. 16, 17 साल के बच्चे ड्रिन्कस् खरीद नहीं सकते हैं मगर गार्जियन्स के साथ इसे पी सकते हैं.

ओशियानिया- ओशियानिका रीजन की लगभग सारी कन्ट्रीज में मिनिमम ड्रिंकिग एज 18 से 21 इअर्स तक वैरी करती है. टोकलाउ आइसलैण्ड में तो यह एज 16 इअर्स ही है. इंडिया में मनिपुर, मिजोरम और गुजरात में ड्रिंकिंग पर फुल बैन है. मुम्बई में एज लिमिट बढ़ जाने के बाद इस बात पर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है कि आखिर क्या इस तरह के बैन राइट टू लाइफ की फिलासिपी के अगेन्स्ट हैं या सोसाइटी को वाकई इन बैन्स की जरुरत है.

Posted By: Divyanshu Bhard