पॉप छोड़ पैगम्बर मोहम्मद के लिए गाना
अमल हिजाज़ी ने अपना पहले गीत की रिकॉर्डिंग 2001 में रिलीज़ की थी। एक साल बाद, उन्होंने अपना दूसरा एलबम जारी किया जो कि बहुत लोकप्रिय हुआ था।
नई सदी के पहले दशक के अंत तक वह अरब दुनिया के चर्चित सितारों में से एक बन गई।साल 2002 में जारी 'ज़मान' नामक एलबम अरबी पॉप ने सबसे अधिक कमाई का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर लिखा, 'आख़िरकार अल्लाह ने मेरी प्रार्थना सुन ली।' इसके साथ, उन्होंने हिज़ाब के साथ अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की।उन्होंने लिखा है, 'कई वर्षों से मेरी पसंदीदा कला और मेरे प्रिय धर्म को लेकर मेरे मन में आंतरिक संघर्ष चल रहा था, लेकिन भगवान ने मेरी प्रार्थना सुन ली।'उन्होंने कहा कि आख़िर अंत में वह जिस ख़ुशी की तलाश कर रही थी वह उन्हें मिल ही गई।सूरज या पॉवर हाउस की जरूरत नहीं, अब यह 'बैक्टीरिया' ही रात दिन बनायेगा बिजली!
एक फेसबुक यूज़र, अबू मोहम्मद अल-इस्तल ने अरबी भाषा में जवाब दिया, "वह जो कर रहीं हैं उसकी अनुमति नहीं है। एक महिला का गीत वैध नहीं है। यदि वह अज़ान दें तो ईश्वर का उन्हें श्राप लगेगा।"एक अन्य यूज़र ज़ैनब मुस्लमानी ने अंग्रेजी में लिखा, "लोगों होश में आओ, जिस चीज़ को ख़ुदा ने मना किया है इसके लिए प्रशंसा न करें। उन्हें मार्गदर्शन की ज़रूरत है ना कि प्रोत्साहन की। हमारा धर्म कई लोगों के लिए मज़ाक बन कर क्यों रह गया है?"
हालांकि कई प्रशंसकों ने उनके इस फ़ैसले का स्वागत किया है।दीना मिशक ने अंग्रेज़ी में लिखा, "आप एक ऐसी महिला की आलोचना कैसे कर सकते हैं जिसने अपने आप को धर्म का अनुशरण करने वाला बनाया, हिज़ाब धारण किया और पैग़म्बर की याद में गीत गाए।"