दुष्कर्म मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट पर लाॅ मिनिस्ट्री भेजेगी प्रस्ताव, कैबिनेट करेगी फैसला
प्रस्ताव बनाकर गृह मंत्रालय को देगा
नई दिल्ली (पीटीआई)। कानून मंत्रालय जल्द ही दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई के वास्ते फास्ट टै्रक कोर्ट की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव बनाकर गृह मंत्रालय को देगा। इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट में रखकर उसे स्वीकृत कराने की कोशिश करेगा। नई व्यवस्था से सरकार के उस अध्यादेश को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा जिसके तहत 12 साल तक बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को मृत्यु दंड देने का प्रावधान किया गया है।
पत्र लिखकर सभी बिंदुओं पर जानकारी दी
अध्यादेश जारी करते समय ही केंद्र सरकार ने प्रदेशों के फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की इच्छा जताई थी। इससे पीडि़तों को शीघ्र न्याय दिलाने के उद्देश्य की पूर्ति होगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए पर्याप्त संख्या में न्यायिक अधिकारियों, लोक अभियोजकों, जांचकर्ताओं और खास फोरेंसिक किट की जरूरत होगी। इस सबकी व्यवस्था गृह मंत्रालय के सहयोग से की जाएगी। कानून मंत्रालय के सचिव ने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को पत्र लिखकर सभी बिंदुओं पर जानकारी दी है।
प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट की बैठक में आ सकता
फास्ट ट्रैक कोर्ट और उससे जुड़ी व्यवस्थाओं के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट की बैठक में आ सकता है। गौरतलब है कि दुष्कर्म की बढ़ती वारदातों के मद्देनजर महिलाओं के साथ दुष्कर्म की सजा को सात साल के कठोर कारावास से बढ़ाकर दस साल के कठोर कारावास में तब्दील किया गया है। इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास तक किया जा सकता है। ऐसे मामलों की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के जरिये पूरा करने का भी प्रावधान किया गया है।