IRNSS 1H सेटेलाइट आज लॉन्च होने का तैयार, आम आदमी को मिलेंगे ये 5 फायदे
पीएसएलवी-सी की मदद से किया जाएगा प्रक्षेपित
इसरो आज शाम करीब सात बजे अपने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इसे पीएसएलवी-सी 39 रॉकेट की मदद से छोड़ेगा। इसरो के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। यह इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का आठवां उपग्रह है और यह आईआरएनएसएस-1ए की जगह लेगा, जिसकी परमाणु घडि़यों ने काम करना बंद कर दिया है। इस उपग्रह का वजन 1,400 किलोग्राम है, जिसे इसरो ने छह लघु एवं मध्यम उद्योगों के समूह के साथ मिलकर बनाया है। भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है, जिसे अमेरिका स्थित जीपीएस के अनुरूप भारत में विकसित किया गया है।
सेटेलाइट से क्या मिलेंगे फायदे :
1. विदेशी जीपीएस पर निर्भरता खत्म :
इस सैटेलाइट की मदद से भारत को सैन्य मदद के साथ, सामान्य नागरिकों के जीवन में बेहतरी लाने में मदद मिलेगी। भारत के इस सैटेलाइट के सफलतापूर्वक लॉच होने के बाद विदेशी जीपीएस पर से भारत की निर्भरता भी कम हो जाएगी।
2. खराब मौसम का मिलेगा अलर्ट :
इसरो की मानें तो इस सेटेलाइट से खराब मौसम की जानकारी मिल जाएगी। यानी कि कोई मछुआरा अगर समुद्र में मछलियां पकड़ने जा रहा है और मौसम खराब है। तो उसे मोबाइल पर अलर्ट मिल जाएगा। यह मैसेज स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिए यूजर्स के पास आ जाएगा।
3. कर सकेंगे वाहनों की ट्रैकिंग :
वाहनो की ट्रैकिंग में भी यह सेटेलाइट काफी कामगर साबित होगा। खासतौर से रोड ट्रांसपोर्ट सेक्टर में चालक अपनी दूरी ट्रैक कर सकेंगे। साथ ही ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर घर बैठे-बैठे जान लेंगे कि उनका वाहन किस जगह और किस सड़क पर है।
4. मानवरहित क्रांसिग का मिल जाएगा अलर्ट :
इसरो के मुताबिक, यह नेविगेशन सिटस्टम भारतीय रेलवे के लिए भी मददगार होगा। इससे आप अपनी ट्रेन को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा मानवरहित क्रासिंग पर कोई खतरा आता है तो उसका अलर्ट भी मिल जाएगा।
5. इसमें मिलेंगी दो तरह की सुविधाएं :
IRNSS-1H मुख्य रूप से दो तरह की सुविधा मुहैया कराएगा। पहली सुविधा यह एसपीएस यानि स्टैंडर्ड पोजीशनिंग सर्विस और दूसरी रिस्ट्रिक्टेड सर्विस की सुविधा मुहैया कराएगा। एसपीएस का इस्तेमाल हर कोई कर सकेगा। जबकि रिस्ट्रिक्टेड सर्विस की सुविधा सिर्फ ऑर्थराइज्ड यूजर को मिलेगी।