सियालकोट के रास्ते से एक फिदायीन दस्ता भेज कर कठुआ के जरिये इंडिया में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है पाकिस्ता‍न बेस्ड टैरेरिस्ट ग्रुप लश्कर ए तैयबा ये जानकारी रॉ से आए इनपुट से मिली है जिसके बाद पूरे जम्मू कश्मीर में एलर्टनेस बढ़ा दी गई है.


मल्टी एजेंसी सेंटर जहां बराक ओबामा के इंडिया विजिट के दौरान सभी डेंजर प्वाइंट को एनालाइज किया जा रहा है वहां से भी जानकारी मिली है कि करीब 30 लॉन्चिंग पैड्स लाइन ऑफ़ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक्टिव किए जा चुके हैं और टेरेरिस्ट ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा पूरी कोशिश कर रहा है कि वह इंडिया में घुस कर अटैक करने में सक्सेजफुल हो सके. कुछ सीनियर आफीसर्स से जुड़े र्सोसेज से पता चला है कि डिफरेंट बंकर्स में एक जगह से दूसरी जगह ट्रैवल करते हुए टैरेरिस्ट अपने लिए सेफ पैसेज की तलाश में हैं जहां से वो इंडिया में घुस सकें.  टैक्निकल इंटरसेप्ट्स के थ्रू पता चला है कि अटैक की कोशिश में लगे इन टैरेरिस्ट का काउंट 100 के आसपास हो सकता है और सियालकोट में जिस ग्रुप को रजिस्टर किया गया है उसमें पांच से छह मेंबर्स होने का अनुमान है.
ये भी इन्फार्मेशन आयी है कि यूनिफाइड हेड क्वार्टर्स की मीटिंग में इस बात पर डिस्क्शन किया गया है कि कैसे उन टैरेरिस्ट को अप्रोच किया जाए जो वैली में मौजूद हैं और सिक्योरिटी के लिए खतरा बन सकते हैं.  फिल्हाल अनुमान है कि तकरीबन 150 से 180 टेरेरिस्ट इस टाइम वैली में एक्टिव हैं. इसी तरह 20 के आसपास जम्मू के पुंछ और राजौरी इलाके में और 13 लोग नॉर्थ और साउथ कश्मीर में हैं. टैरेरिस्ट इंटरनेशनल बॉर्डर पर कोहरे का फायदा उठा रहे हैं और घाटी में अभी ज्यादा बर्फबारी नहीं हुई है इसलिए घाटियों और छोटी नदियों के ज़रिये भी घुसपैठ कर सकते हैं इसीलिए सिक्योरिटी सिर्फ इंटरनेशनल बॉर्डर पर ही नहीं बल्कि लाइन ऑफ कंट्रोल पर भी बड़ा दी गई है.

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Posted By: Molly Seth