Ladki Bahin Yojana Fraud: महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना स्कीम में एक बड़ा फ्रॉड सामने आया है। इसमें एक शख्स ने 30 आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल करके 30 अलग-अलग आवेदन किए। इसमें वह 26 आवेदकों के नाम पर भरपूर लाभ भी ले चुका है। यहां पढ़ें कैसे हुआ इस मामले का पर्दाफाश...


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Ladki Bahin Yojana Fraud: महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिन योजना स्कीम में एक बड़ा फ्रॉड सामने आया है। यहां पर एक शख्स ने कथित तौर पर 30 लोगों के आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल करके 30 अलग-अलग आवेदन किए। खास बात तो यह है कि उसने अब तक 26 आवेदकों के नाम पर एक ही सहकारी बैंक खाते में लड़की बहन योजना का लाभ भी उठाया है। पनवेल तहसील कार्यालय में दर्ज एक शिकायत के अनुसार, सतारा जिले के रहने वाले इस व्यक्ति ने इस मामले में एक महिला की फोटो का इस्तेमाल किया। इसमें महिला को अलग-अलग हेयरस्टाइल में अलग-अलग कपड़े पहने हुए करीब 27 अलग-अलग आवेदकों के रूप में दिखाया गया था। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामला तब सामने आया जब खारघर निवासी पूजा महामुनि (27) ने पाया कि उसका आवेदन किसी और के मोबाइल नंबर से जमा किया गया था। इस तरह से खुली आरोपी की पोल
पूजा महामुनी ने 28 अगस्त को इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए पनवेल के एक पूर्व पार्षद नीलेश बाविस्कर से हेल्प मांगी थी। 29 अगस्त को शाम करीब 6.45 बजे जब उन्होंने अपने मोबाइल नंबर से लॉग इन किया, तो सिस्टम ने उन्हें यह मैसेज देते हुए रेड-फ्लैग कर दिया: "आवेदन पहले ही सबमिट किया जा चुका है और आवेदन संख्या SAKH10xxxxx56 है, जो मोबाइल नंबर 755xxxxx68 से है और इसकी स्थिति कंफर्म है" और उसकी किश्त भी जारी हुई है। इसके बाद पूर्व पार्षद बाविस्कर ने पूछताछ शुरू की। जब उन्होंने मैसेज में आए मोबाइल नंबर पर कॉल किया, तो एक व्यक्ति ने फोन उठाया और कहा कि वह सतारा से है। इसके बाद बाविस्कर ने उन्हें वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) शेयर करने के लिए राजी किया और उन्होंने इसे शेयर किया। एक ही मोबाइल नंबर से 30 लाभार्थी


बाविस्कर ने पाया कि एक ही मोबाइल नंबर से 30 लाभार्थी जुड़े हुए थे। इनमें से 27 आवेदकों के नाम एक जैसे हैं, लेकिन आधार नंबर अलग-अलग हैं। लिस्टेड 30 लाभार्थियों में से 26 के आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं, जबकि चार के लंबित हैं। सभी नामों का एक ही बैंक खाता है। एक ही नंबर से जुड़े इतने सारे लाभार्थियों ने महामुनि, बाविस्कर और सामाजिक कार्यकर्ता कंचन बिरला के मन में संदेह पैदा कर दिया। बिरला ने कहा, हमारे द्वारा खाते तक पहुंचने के बाद घोटालेबाज ने पासवर्ड बदल दिया। पासवर्ड बदलने का हमारा प्रयास सफल नहीं हो सका, क्योंकि ओटीपी उसके ही नंबर पर चला गया। पनवेल के नायब तहसीलदार संजय भालेराव ने कहा उनकी शिकायत रायगढ़ कलेक्टर को भेज दी गई है, जो प्रोटोकॉल के अनुसार जांच और कार्रवाई के लिए इसे सतारा कलेक्टर को भेजेंगे।

Posted By: Shweta Mishra