Labour Day 2019 : 1 मई का 8 से है गहरा रिश्ता
कानपुर। आज 1 मई को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। 1 मई का 8 से गहरा रिश्ता है। हाॅलीडे की शुरुअात शिकागो से हुई इस हाॅलीडे की शुरुअात अमेरिका के शिकागो से हुई थी। एक आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक अमेरिका में 1886 में अमेरिकी मजदूर एवं ट्रेड यूनियनों ने 8 घंटे ही काम करने की मांग की थी। इसके लिए किए गए आंदोलन में बड़ी संख्या में मजदूर सड़कों पर उतर आए थे। इस हाॅलीडे की शुरुआत हेमार्केट घटनाक्रम की याद में हुई थी जो कि 4 मई को हुई थी। कहते हैं जब हेमार्केट में जब मजदूर शांति से हड़ताल और धरना कर रहे थे तब पुलिस ने मजदूरों पर बमबारी व गोलियां बरसाई थी। इसके बाद दंगे और हिंसा की घटनाए हुई थीं। वर्किंग ऑवर का सिंबाॅलिक 8 नंबर
8 का अंक बेहद खास है। वर्किंग ऑवर का सिंबाॅलिक है। श्रम संघ आंदोलन के सदस्यों द्वारा इस नंबर का समर्थन किया गया है। इसके बाद ही मजदूरों के एक शिफ्ट में काम करने की अधिकतम सीमा 8 घंटे निश्चित हुई थी। ऑस्ट्रेलिया में 1 मई 1891 को पहला लेबर डे मार्च हुआ था। यह नंबर अक्सर संघ भवनों में आज भी देखा जाता है।
श्रमिक दिवस के नाम से जाना जाता कुछ देशों में जैसे कि इथियोपिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में इस सार्वजनिक अवकाश को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस या सिर्फ श्रमिक दिवस के रूप में जाना जाता है। हर साल की तरह इस साल के हाॅलीडे की भी एक थीम है। इस बार थीम "सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए काम करने वाले श्रमिक" है।गैरत रहे बरकरार, ऐसा चाहिए रोजगारअमेरिका अलग दिन छुट्टी मनाता हैसच है कि श्रमिक दिवस के आंदोलन की जड़ें अमेरिका से जुड़ी हैं लेकिन यहां पर मई की जगह सितंबर के पहले सोमवार को मजदूर दिवस मनाया जाता है।हिस्टाेरिकल रिपाेर्ट पर नजर डालें तो यह अलग है। इसके मुताबिक आधिकारिक छुट्टी सितंबर में मनाने के पीछे एक वजह है। मजदूरों द्वारा कामकाजी परिस्थितियों का विरोध करने से पहले ही यह दिवस पहली बार केंद्रीय श्रम संघ द्वारा 1880 के दशक में यह मनाया गया था।