कर्नाटक : कुमारस्वामी अब 23 मई को लेंगे सीएम पद की शपथ बोले, 15 दिनों से पहले बहुमत साबित कर देंगे
बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया हैबेंगलुरु (पीटीआई)। कर्नाटक विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिला था। भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ग्रहण कर ली थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक भाजपा सदन में बहुमत पेश करने में नाकाम रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेता एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे। राज्यपाल ने उनको सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया
राज्यपाल वाजुभाई वाला ने उनको सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। ऐसे में जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। हालांकि हमें 15 दिनों की जरूरत नहीं है। हम इसके पहले ही अपना विश्वासमत पेश कर देंगे। कुमारस्वामी 23 मई को सीएम पद की शपथ ग्रहण करेंगे
इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि 21 मई को दोपहर 12 बजे से 1.50 बजे के बीच कर्नाटक की नई सरकार शपथ ग्रहण करेगी। हालांकि इसके बाद उन्होंने शाम को कहा कि शपथ ग्रहण 23 मई को होगा। इसकी वजह 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि होती है। इसलिए शपथ ग्रहण की 21 मई को शपथ ग्रहण का आयोजन करना ठीक नहीं होगा। कुमारस्वामी का कहना है कि कांग्रेस और जेडीएस विधायकों से मंत्री पद को लेकर चर्चा होगी। बैठक में तय होगा कि कांग्रेस और जेडीएस के कितने मंत्री होंगेइस बैठक में यह तय होगा कि कांग्रेस और जेडीएस के कितने मंत्री बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में बीएस येदियुरप्पा कल सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 4 बजे शुरू होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ढाई दिन ही मुख्यमंत्री रहे येदियुरप्पा ने इस्तीफे से पहले भाषण में कहा कि किसानों के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। जेडीएस और कांग्रेस ने गठबंधन में सरकार बनाने का दावा किया था
वहीं उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस व जेडीएस में खुशी की लहर दौड़ गई। 15 मई को घोषित चुनाव परिणामों में किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं था। हालांकि भाजपा के पास 104 सीटें होने से राज्यपाल ने लारजेस्ट पार्टी के रूप में उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। वहीं 78 सीटों पर जीती कांग्रेस और 37 सीटों पर जीती जेडीएस ने भी गठबंधन का दावा किया था। इसके बाद इन पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा 16 मई को खटखटा दिया था। येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपना इस्तीफा दे दियारात में सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्यपाल के खिलाफ जाने से मना कर दिया था। ऐसे में 17 मई को भाजपा के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। इसके बाद 18 मई को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शनिवार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। ऐसे में 19 मई को सदन में बहुमत पेश न कर पाने से येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया।कर्नाटक : ढाई दिन सीएम रहे बीएस येदियुरप्पा नहीं साबित कर पाए बहुमत, फ्लोर टेस्ट से पहले ही दिया इस्तीफाबंगला बचाने में काम नहीं आएगी जेड प्लस सिक्योरिटी, जानें कैसे सबसे कमजोर कड़ी नारायण दत्त तिवारी की