अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान को झटका देते हुए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी पर मंगलवार को रोक लगा दी है। जाधव को ईरान और पाकिस्तान की सीमा से तालिबान ने अगवा कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ को सौंप दिया था। भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त महाराष्ट्र निवासी जाधव ईरान के चाबहार में अपनी निजी व्यापारिक नौका से व्यापार करते थे। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 10 अप्रैल को जासूसी का आरोप लगाकर जाधव को फांसी की सजा सुना दी थी। भारत ने इस पर पाकिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज कराया था। साथ ही मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाया।

भारत की अपील के एक दिन बाद सजा रोकने का आदेश

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत की अपील के एक दिन बाद ही जाधव की मौत की सजा रोकने का आदेश पारित किया। भारत ने पाकिस्तान पर दूïतावास संपर्क के विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप लगाया है। भारत ने कई बार जाधव से संपर्क करने की पाक से अनुमति मांगी लेकिन हर इन्कार कर दिया गया। भारत ने कहा कि जाधव को मूलभूत कानून व न्याय प्रक्रिया का पालन किए बगैर सजा सुनाई गई है। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की तरफ से जाधव के मामले की पैरवी कर रहे हैं।


पाकिस्तानी सेना ने जारी किया था कबूलनामे का वीडियो

इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने मार्च के आखिर में जाधव के कथित कबूलनामे का वीडियो जारी किया था। पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि जाधव ने कबूल किया कि वह रॉ के लिए बलूचिस्तान में काम कर रहा था। भारत ने पाकिस्तान के आरोप खारिज किए थे। ïभारत ने कहा था कि वीडियो में यह शख्स (जाधव) जो बातें कह रहा है, उनमें कोई सच्चाई नहीं है। उसने जो भी कहा है, दबाव में कहा है। 

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Posted By: Satyendra Kumar Singh