कौन हैं हरीश साल्वे जिन्होंने बचाया सलमान खान को 6 मई की रात जेल में बिताने से
सलमान खान के फैन्स के लिए सिर्फ एक दिन में फेवरेट बन चुके एडवोकेट हरीश साल्वे को वो भले ही महज एक ऐसे शख्स के तौर पर जानते हों जिसने उनके भाईजान को जेल जाने से बचा लिया और इससे ज्यादा कुछ नही जाने बिना भी वे उन्हें पसंद करने लगे हों. लेकिन देश की कारपोरेट फेमिलीज और बिजनेस हाउसेज के बीच हरीश साल्वे बेहद जाना पहचाना नाम हैं. हरीश महज एक बड़े लॉयर ही नहीं हैं वो मुकेश अंबानी के लिए ऐसे गेस्ट हैं जिसके लिए वो करोड़ों खर्च कर सकते हैं तो कई पॉलिटिकल लीडर्स के लिए वो सबसे बड़े रक्षक हैं. क्या है हरीश साल्वे का बैक ग्राउंड
कहा जा सकता है की कानून के साथ डील करना नामचीन एडवोकेट हरीश साल्वे के लिए उनका खानदानी काम है. क्योंकी उनके ददिहाल और ननिहाल दोनों ही पक्ष वकालत के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं. उनके दादा मशहूर क्रिमिनल लॉयर हुआ करते थे और उनकी नानी टैक्स लॉयर थीं. उन्हीं के अंडर में हरीश ने बतौर जूनियर अपना करियर स्टार्ट किया था. हरीश सुप्रीम कोर्ट के सीनियर लॉयर रहे हैं और वे सॉलिसीटर जनरल भी रह चुके हैं. बतौर सॉलीसीटर जनरल अपने सेकेड टर्म को उन्होंने खुद ही ठुकरा दिया. इनकी एक दिन की फीस ही करीब 30 लाख रुपए बतायी जाती है. हरीश कई बड़े और चर्चित मामलों में एडवोकेट के तौर पर जुड़े रहे हैं. जैसे गुजरात दंगों में फेमस का बेस्ट बेकरी केस, 2011 का अवैध खनन मामला या फिर वोडाफोन को सरकार के 11000 हजार करोड़ के टैक्स मामले में हेल्प करने का केस. हरीश ने मुकेश अंबानी के विवादित गैस केस को भी सुलझाने में हेल्प की थी और सुनते हैं कि इसके लिए उन्हें करोड़ों रुपए दिए गए थे. बाबा रामदेव पर आधी रात को की गई कार्यवाही केस में भी हरीश ही थे जिसने दिल्ली पुलिस का पक्ष मजबूती से रखा. खास सलमान के लिए दिल्ली से बुलाया गया हरीश को
उनके जानने वाले कहते हें कि 56 साल के हरीश साल्वेत एक बेहद संतुलित और संयत रहने वाले शख्स तो हैं हीं अपने विषय पर उनका जबरदस्त अधिकार है और यही वजह है की वो हार नहीं मानते और कभी नियंत्रण ना गंवाते हुए केस को हैंडल करते हैं. सलमान खान के केस में उनके परिवार ने हरीश की इन्हीं खूबियों के चलते उन्हें दिल्ली से स्पेशियली मुंबई बुलाया और मामला संभालने के लिए कहा. और देखिए उन्होंने क्या खूब संभाला की 13 साल चले केस में हुई जेल को बस एक तकनीकी मुद्दे की बदौलत उन्होंने तीन घंटे के अंदर बेल में बदल दिया. उन्होंने सेशन कोर्ट में सलमान को हुई सजा में बेल के लिए हाईकोर्ट में बस एक दलील दी की बिना जजमेंट की कॉपी के उनका मुवक्किल जेल नहीं भेजा जा सकता और हाईकोर्ट ने इसे सही माना जिसके बाद सलमान को दो दिन की अंतरिम जमानत मिली और वे जेल जाने की बजाय बेल पर अपने घर लौट आए.
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